शराब पर सियासत : बड़े पैमान पर अवैध शराब करा रही किरकिरी, विधायकों के तर्क-कुतर्क से जनता हैरान-परेशान

रविकांत सिंह राजपूत/मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार को चार साल हो गए हैं और अब प्रदेश के सभी राजनैतिक दल चुनावी मोड में आना शुरू हो गए हैं। लिहाजा सरकार की साख बचाने जहां कांग्रेस के विधायक अपने वादे को पूरा करने दावा करते नजर आ रहे हैं, तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा लगातार सरकार पर हमलावर हो रही है। यही वजह है कि इन दिनों प्रदेश के नए बने मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में शराब की अवैध बिक्री को लेकर प्रशासन पर लगातार कार्यवाही का दबाव बना रहे हैं। इस दौरान एक विधायक तो शराबबंदी के अपने दावे को भूलकर भाजपाई को शराब का दलाल घोषित कर रहे हैं, तो एक कांग्रेस विधायक प्रशासनिक मीटिंग में घुसकर अधिकारियों पर एमपी की शराब बंद करवाने की चेतावनी दे रहे हैं।
सरकार के गले की फांस बन गई शराब बंदी
शराब बंदी अब छत्तीसगढ़ सरकार के गले की फांस बन गई है। चुनावी घोषणा पत्र में शराब बंदी समेत कई वादे अब भी अधूरे हैं। आगामी चुनाव को एक वर्ष बचे हैं। इसी वजह से एमसीबी जिले के दो कांग्रेस विधायक अब चुनावी रंग में रंगने का प्रयास करते दिख रहे हैं। बात करें भरतपुर सोनहत विधायक गुलाब कमरो की तो विधायक शुक्रवार को जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ में चल रही टाइम लिमिट की मीटिंग में अचानक आ धमके। इस दौरान मीटिंग में कलेक्टर पीएस ध्रुव और सीईओ नम्रता जैन समेत तमाम विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे। तभी मुख्य कुर्सी में बैठते ही कमरो ने जिले में अवैध शराब बिक्री पर अधिकारियों की क्लास ली और फिर अधिकारियों से सवाल किया कि मध्यप्रदेश की शराब छत्तीसगढ़ में कैसे आ रही है? इसके अलावा विधायक ने पूरे तेवर के साथ प्रशासनिक अधिकारियों से ये पूछा कि मनेन्द्रगढ़ शहर में संचालित ग्रीन पार्क बार के संचालन के क्या नियम कायदे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में शाम तक इस संबंध में जानकारी देने की बात कहते हुए ग्रीन पार्क बार के जाँच के निर्देश भी दिए। देखिए वीडियो-
भाजपा शासनकाल में शराबगढ़ बन गया था छत्तीसगढ़ : जायसवाल
इधर कल देर शाम मीडिया के कुछ सवालों का जवाब देते हुए मनेन्द्रगढ विधायक डॉ. विनय जायसवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग शराब के दलाल हैं। भाजपा के शराब दलाल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों जगह पसरे हैं। भाजपा के शासनकाल में छत्तीसगढ़ शराबगढ़ बन गया था। भाजपा के समय में तो शराब पर कार्रवाई ही नहीं होती थी। आज पुलिस 100 में से 90 कार्रवाई कर रही है। ये तो पुलिस की पीठ थपथपाने वाली बात है। दरअसल पूरा मामला मनेन्द्रगढ में संचालित ग्रीन पार्क बार में मध्यप्रदेश के अवैध शराब बिक्री को लेकर शुरू हुआ है। जानकारी के मुताबिक इस बार में विधायक का एक रिश्तेदार बराबर का पार्टनर है। बहरहाल शराब बंदी का वादा करने वाली सरकार के दोनों विधायक शराब बंदी के लिए अपने तेवर नहीं दिखा पा रहे हैं और मध्यप्रदेश की शराब बिक्री पर पाबंदी लगाने के दम भर रहे हैं। देखिए वीडियो-
तस्कर मध्यप्रदेश से सस्ते दरों पर शराब खरीद छत्तीसगढ़ में बेच रहे : अम्बिका सिंहदेव
वहीं, संसदीय सचिव अम्बिका सिंहदेव ने कहा कि अनूपपुर से आ रही अवैध शराब पर सीमावर्ती जिले के अधिकारियों को कार्रवाई करना चाहिए। मनेद्रगढ़ से कोरिया के रास्ते होते हुए सरगुजा तक पहुंच रही है। अवैध शराब के खेप परिवहन करते हुए कई बार पकड़े जाने और कार्रवाई के बाद भी यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। छत्तीसगढ़ में शराब दुकान सरकार संचालित करती है। मध्यप्रदेश के ठेका पद्धति से सस्ती शराब सरगुजा संभाग के कई जिलों में सप्लाई होती है। तस्कर मध्यप्रदेश से सस्ते दरों पर शराब खरीदी कर छत्तीसगढ़ में बेच रहे हैं। इससे राज्य सरकार को होने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है। देखिए वीडियो-
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