बंगले पर सियासत : कुमारी शैलजा बोलीं- प्रेदश के सरकारी बंगलों का रिव्यू करेगी सरकार, चंद्राकर बोले- जिसने गलत किया पहले उन पर करें कार्यवाही

स्वप्निल गौरखेड़े/रायपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त होने के बाद लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने उनको दिल्ली में आवंटित हुए बंगले को खाली करने का आदेश दिया है। अब इसको लेकर राजनीति शुरू हो गया है। बंगले की पॉलिटिक्स दिल्ली से छत्तीसगढ़ तक आ पहुंची है।
दरअसल, कांग्रेस की छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा बुधवार को प्रदेश प्रवास पर आई है। इस दौरान उन्होंने कहा कि, राजनीतिक लड़ाई में अंग्रेजों को ईट का जवाब पत्थर से दिया था। इस राजनीतिक लड़ाई में भी हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। रही बात यहां सरकारी बंगलों की तो सरकार इस पर रिव्यू करेगी। हमारी सरकार उसको देखेगी, जिन कारणों से पहले दिया गया था, आज के दिन वह कारण वैलिड है कि नहीं।
केंद्र ने भेदभाव किया : कांग्रेस
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द होने के मामले को कांग्रेस पूरे देश भर में उठा रही है। कांग्रेस का साफ कहना है कि साजिश के तहत राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द की गई और उसके बाद सरकारी आवास लेने में भी हड़बड़ी की गई। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र ने भेदभाव किया है, अब छत्तीसगढ़ में भी पूर्व मंत्रियों को आवंटित बंगलों का रिव्यू कराया जाएगा। प्रदेश प्रभारी ने ये बयान देते हुए संकेत दिए हैं कि जरूरत पड़ी तो बंगले खाली भी कराए जाएंगे।
सरकार ने ही किया नियमों के विरूद्ध बंगला आवंटन : अजय चंद्राकर
वहीं, प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के बयान पर प्रदेश के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिनको नियमों के विरूद्ध बंगला आवंटन हुआ है तो ये सरकार ने ही किया है। जिसने गलत किया है पहले उन पर कार्यवाही करें शैलजा जी।
सरकारी बंगलों का होगा रिव्यू
उल्लेखनीय है कि, पूर्व मंत्री और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने पत्नी के स्वास्थ्य गत कारणों से बंगला आवंटित कराया था। वहीं पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के नाते सरकारी बंगले में रह रहे हैं। धरमलाल कौशिक भी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष होने के कारण सरकारी बंगले में निवासरत हैं। नंद कुमार साय भी सरकारी आवास में निवासरत हैं। वे भी प्रथम नेता प्रतिपक्ष के नाते सरकारी आवास में निवास रत हैं। प्रदेश में ऐसे कई भाजपा नेता है, जो सत्ता नहीं होने के बावजूद सरकारी बंगले का सुख भोग रहे हैं। हालांकि प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा के बयान से अब प्रदेश में बंगले की सियासत तेज होना लाजिमी है, क्योंकि सरकार अब जल्द ही बंगले का रिव्यू करने जा रही है। माना जा रहा कि रिव्यू के बाद भाजपा नेताओं से बंगले छीने जा सकते हैं।
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