गोठान पर सियासत : साव बोले- गोठान के नाम पर प्रदेश में 13 सौ करोड़ का घोटाला, कहीं नहीं दिखीं गायें, बकरी या मुर्गियां

गोठान पर सियासत : साव बोले- गोठान के नाम पर प्रदेश में 13 सौ करोड़ का घोटाला, कहीं नहीं दिखीं गायें, बकरी या मुर्गियां
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प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि, वास्तव में गोठान के हालात बताता है कि किस प्रकार से 13 सौ करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि, कोंडागांव में भी मैंने गोठान देखा, एक भी गाय, बकरी, मुर्गी और मछली नहीं मिली। पढ़िए पूरी खबर...

मनोज नायक/रायपुर। छत्तीसगढ़ में इन दिनों गोठान को लेकर सियासत तेज है। इस मामले में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर सियासी तीर छोड़ने में लगे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस ली। इस दौरान उन्होंने गोठान को लेकर कांग्रेस पर तंज कसा। प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा कि, भाजपा का अभी 'चलबो गोठान खोलबो पोल' अभियान चल रहा है। वास्तव में गोठान के हालात बताता है कि किस प्रकार से 13 सौ करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि, मंगलवार को कोंडागांव में भी मैंने गोठान देखा, एक भी गाय, बकरी, मुर्गी और मछली नहीं मिली। वहां कोई गतिविधि ही संचालित नहीं है। दो करोड़ से अधिक की राशि से गोठान बना है। प्रदेश के सभी गोठान की यही हालत है। 4 हजार गोठान का हमने निरीक्षण कर लिया है। कोंडागांव के बड़े कनेरा गांव में ये गोठान दो करोड़ की राशि से बना है।

PSC को लेकर युवा चिंतित

CGPSC के जारी नतीजे को लेकर अरुण साव ने कहा कि, PSC को लेकर युवा चिंतित है। प्रदेश सरकार युवाओं के हौसले को तोड़ने का काम कर रही है। हम इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ के युवाओं के साथ है।

मुख्यमंत्री की जेब से नहीं निकल रहा झीरम का सच

वहीं झीरम मामला को लेकर एक बार फिर अरुण साव ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरा। उन्होंंने कहा कि, झीरम का सच मुख्यमंत्री की जेब से नहीं निकल रहा है। वो साक्ष्य जेब में होने का दावा करते थे, लेकिन अब इस मामले का साच नहीं निकल रहा है। झीरम के नाम पर सीएम भूपेश बघेल को अपना स्टैंड साफ करना चाहिए।

काल नेमी की तरह नहीं आस्था के साथ कराएं रामायण

श्री साव ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि, राज्य सरकार रामायण प्रतियोगिता कर रही है। कांग्रेस ने भगवान राम पर प्रश्न चिन्ह लगाया और अब रामायण प्रतियोगिता करा रहे हैं। रामायण काल नेमी की तरह नहीं आस्था के साथ कराएं। अपने नेताओं से भी पूछना चाहिए। अच्छी बात है वो भगवान राम की शरण मे आए हैं।

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