अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम की अनुमति, आदेशों का नहीं हो रहा है पालन

अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम की अनुमति, आदेशों का नहीं हो रहा है पालन
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सरकारी आदेश के अनुसार अब रात में भी पोस्टमार्टम किया जाना है लेकिन सिम्स मेडिकल कालेज में यह व्यवस्था शुरू भी नहीं हो सकी है। कालेज प्रबंधन का कहना है कि राज्य सरकार से इस बारे में आदेश नहीं मिला है।

बिलासपुर। सरकारी आदेश के अनुसार अब रात में भी पोस्टमार्टम किया जाना है लेकिन सिम्स मेडिकल कालेज में यह व्यवस्था शुरू भी नहीं हो सकी है। कालेज प्रबंधन का कहना है कि राज्य सरकार से इस बारे में आदेश नहीं मिला है। ऐसे में शवों को रातभर मरच्यूरी में रखने की जरूरत पड़ रही है।

संभाग का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज पोस्टमार्टम के लिए डाक्टर और स्टाफ की व्यवस्था नहीं कर सका है। दरअसल महीने भर पहले राज्य सरकार ने राज्य के 6 मेडिकल कालेज, 28 जिले और 168 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 24 घंटे में पोस्टमार्टम के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी डीन, सिविल सर्जन और संबंधित मेडिकल अधिकारियों को व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। इसके लिए डाक्टरों की रात में ड्यूटी लगानी है लेकिन अबतक सिम्स में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। सिम्स मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि अबतक आदेश नहीं मिला है जिसके चलते फिलहाल रात में पोस्टमार्टम नहीं किया जा रहा है। दरअसल कुछ माह पहले केंद्र सरकार ने हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शव और संदिग्ध मामलों को छोड़कर, उचित बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद शवों के पोस्टमॉर्टम की अनुमति दे दी थी।

अस्पतालों को करनी है यह व्यवस्था

प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति और सुधार को देखते हुए केन्द्र सरकार ने विशेष रूप से आवश्यक प्रकाश व्यवस्था और पोस्टमॉर्टम के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते अस्पतालों में रात के समय अंत्य-परीक्षण करना संभव बताया है। हत्या, आत्महत्या, बलात्कार, क्षत-विक्षत शरीर और संदिग्ध श्रेणियों के मामलों को तब तक रात के समय पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं रखा जाना चाहिए जब तक कि कानून व्यवस्था से जुड़ी कोई स्थिति न हो।

परिजनों को भटकने की मजबूरी

पोस्टमॉटर्म की स्थिति में परिजन को शव लेने के लिए सिम्स में भटकना पड़ता है। संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण मुंगेली, तखतपुर, कोरबा, जांजगीर चांपा, रतनपुर के लोगों का इलाज यहां किया जाता है। कई बार इलाज के दौरान भी लोगों की मौत हो जाती है, जिसका पीएम किया जाता है। ऐसी दशा में दोपहर 3 बजे के बाद सिम्स में किसी का भी पीएम नहीं किया जाता है। दरसअल 3 बजे के बाद डाक्टरों की टीम बनाने और पोस्टमार्टम करने में 3 से 4 घंटे का समय लग जाता है और शाम ढलने के बाद डाक्टर पीएम करने के लिए राजी नहीं होते है, जिससे परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

आदेश नहीं मिला

दिन में पोस्टपार्टम हो रहा है। रात में पोस्टमार्टम शुरू करने का आदेश हमें नहीं मिला है। इसलिए इसकी जानकारी नहीं है।

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