स्वास्थ्य केंद्रों में होगी मॉक ड्रिल की तैयारी, गंभीर मरीजों के इलाज की प्रैक्टीस

रायपुर। कोरोना की आपात स्थिति होने पर गंभीर हालत में पहुंचने वाले मरीजों का इलाज किस तरह और कितनी देर में शुरू किया जा सकेगा। इस रिस्पांस टाइम को परखने के लिए मंगलवार को सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मॉक ड्रिल किया जाएगा। सुबह 10.30 बजे से मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के संसाधनों की हालिया स्थिति को देखा-परखा जाएगा।
केंद्र सरकार के निर्देश पर इस मॉक ड्रिल के बाद एक पोर्टल में सारी जानकारी निर्धारित प्रो-फार्मा में अपडेट भी करनी होगी। कोरोना के मामले पूरी तरह खत्म होने की वजह से आपदाकाल में उपयोग किए जाने वाले सारे संसाधन डंप हो गए थे। इसके अलावा कई अस्पतालों में स्थापित किए गए ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग नहीं हो पाया है। कोरोना से निपटने इन तमाम संसाधनों की धूल हटाकर, इसे चलाकर देखा जाएगा, ताकि अस्पतालों में मरीज आने पर इसका उपयोग किया जा सके। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए सुबह 10.30 बजे का वक्त तय किया है। मॉक ड्रिल उन सभी स्वास्थ्य केंद्रों में करने कहा गया है, जहां आपात स्थिति होने पर मरीजों को भर्ती किया जाता है।
निर्देश भी जारी
चाइना सहित अन्य देशों में कोरोना के मामलों का विस्तार होने की वजह यह भी सावधानी बरतने कहा गया है। अस्पतालों में अन्य दवाओं, कंज्युमेबल, री-एजेंट जैसे सामानों का अगले तीन माह का स्टाॅक रखने निर्देशित किया गया है। अस्पतालों में आने वाले सर्दी-बुखार के मरीजों की रेंडम आधार पर जांच करने कहा गया है।
मॉक ड्रिल आज
केंद्र सरकार से मिले निर्देश के आधार पर जीवनरक्षक उपकरणों की वर्तमान स्थिति देखने-परखने तथा कोरोना प्रबंधन प्रोटोकॉल पर आज मॉक ड्रिल किया जाएगा।
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