डीएलएड को भी आरक्षण दायरे में लाने की तैयारी, पाठ्यक्रमों की रोकी गई काउंसिलिंग

डीएलएड को भी आरक्षण दायरे में लाने की तैयारी, पाठ्यक्रमों की रोकी गई काउंसिलिंग
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बीएड के अलावा अब डीएलएड पाठ्यक्रम भी आरक्षण के दायरे में आ सकता है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यदि मंजूरी मिल जाती है तो बीएड के साथ ही डीएलएड में भी आरक्षण लागू होगा।

रायपुर। बीएड के अलावा अब डीएलएड पाठ्यक्रम भी आरक्षण के दायरे में आ सकता है। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यदि मंजूरी मिल जाती है तो बीएड के साथ ही डीएलएड में भी आरक्षण लागू होगा। ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम, जो यूनिवर्सिटी कोर्स के अंतर्गत आते हैं, उनमें आरक्षण लागू है। शिक्षा पाठ्यक्रम के अंतर्गत बीएड की परीक्षाएं विश्वविद्यालय लेते हैं, इसलिए इसमें आरक्षण लागू है। वहीं डीएलएड की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा मंडल लेता है। यूनिवर्सिटी कोर्स नहीं होने के कारण इसे आरक्षण से बाहर रखा गया है।

आरक्षण संबंधित विवाद के बीच कई व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की काउंसिलिंग रोकी गई है। इसके अंतर्गत डीएलएड की काउंसिलिंग भी रोक दी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इसमें भी आरक्षण रोस्टर लागू करने की तैयारी की जा रही है, इसलिए डीएलएड में भी प्रवेश नहीं लिए जा रहे हैं। गौरतलब है कि डीएलएड दो वर्षीय पाठ्यक्रम है, जिसमें 12वीं कक्षा के बाद प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की जाती है।

अभी ये है नियम

प्रदेश में डीएलएड की 6710 सीटें हैं। इनमें से 1750 सीटें शासकीय महाविद्यालयों की हैं, शेष सीटें निजी महाविद्यालयों की हैं। आरक्षण केवल शासकीय महाविद्यालयों में लागू है। इसके लिए जिला रोस्टर पर लागू आरक्षण सिस्टम फाॅलो किया जाता है। निजी महाविद्यालयों में बगैर आरक्षण मेरिट बेस पर छात्र प्रवेश पाते हैं।

सीटों से आधे आवेदन भी नहीं

डीएलएडी की 6710 सीटों में से 4684 सीटों पर ही प्रवेश हो सके हैं। शेष 2026 सीटों के लिए सिर्फ 600 आवेदन ही मिले थे। इनकी सूची जारी हो गई थी, लेकिन आरक्षण पर कोर्ट के फैसले के बाद इसकी मेरिट लिस्ट भी रोक दी गई। ऐसे में आरक्षण संबंधी नियमों को मौजूदा सत्र से लागू किए जाने का निजी महाविद्यालय विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सीटों से कम आवेदन प्राप्त हुए हैं, ऐसे में सभी को सीटें आवंटित कर देनी चाहिए।

अगले सत्र से लागू करें

बीएड सीटों पर पहले से ही आरक्षण के कारण प्रवेश नहीं हो पा रहे हैं। डीएलएड को इनसे मुक्त रखना चाहिए। यदि आरक्षण लागू करना ही है तो अगले सत्र से कर सकते हैं, क्योंकि सीटों से कम छात्रों ने पंजीयन कराया है।

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