निजी बस कर्मचारियों ने सीएम हाउस तक की नारेबाजी, पुलिस ने समझाकर हटाया

छत्तीसगढ़ बस कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेशभर से आए निजी बसों के चालक-परिचालक व अन्य कर्मचारियों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी रायपुर के बूढ़ापारा में धरना दिया। धरनास्थल पर हाथों में बैनर पोस्टर के साथ प्रदर्शन और नारेबाजी कर कर्मचारियों ने नियमित वेतन, बेरोजगारी भत्ता देने, आकस्मिक दुर्घटना पर एक माह के अंदर दुर्घटना बीमा का लाभ देने सहित अन्य मांगों को लेकर आवाज बुलंद की।
धरनास्थल से निकाली रैली, सीएम हाउस घेरनेे निकले
अलग-अलग जगहों से निजी बस चालक, परिचालक अपनी समस्या बताने धरनास्थल पर एकत्रित हुए। दोपहर बाद प्रदर्शन करते हुए धरनास्थल से मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने रैली निकाली। इसे पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर बूढ़ापारा के पास रोक लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झूमाझटकी भी हुई।
रैली में शामिल बस कर्मचारियों का कहना है, लॉकडाउन में बसें बंद होने से 6 माह तक बेरोजगार रहे। अब बसें चालू होने के बाद भी उन्हें वेतन नहीं मिलने की समस्या आ रही है। इससे सैकड़ों कर्मचारियों को परिवार चलाने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में उन्हें गुजारा भत्ता दिया जाना चाहिए।
सड़क पर गहमागहमी
बस कर्मचारी संघ की प्रदेशव्यापी हड़ताल और धरना प्रदर्शन के कारण बूढ़ापारा के मुख्य मार्ग पर गहमागहमी रही। इस दौरान बड़ी संख्या में हाथों में बैनर पोस्टर लेकर मुख्यमंत्री निवास घेरने निकले आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने पुलिस प्रशासन को बहुत मशक्कत करनी पड़ी।
प्रदर्शनकारी कुछ देर के लिए सड़क पर नारेबाजी करते हुए डटे रहे। उन्हें समझाइश के बाद वहां से हटाया गया। विदित हो, निजी बसों के कर्मचारी पिछले 14 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।
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