प्रस्तावित MCB जिले के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया: तीन ब्लॉक, पाँच तहसील और 101 पटवारी हल्के का प्रस्ताव

प्रस्तावित MCB जिले के लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया: तीन ब्लॉक, पाँच तहसील और 101 पटवारी हल्के का प्रस्ताव
X
यह प्रस्ताव है, लेकिन यही अंतिम रुप ले लेगा, इसे कम से कम मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के मसले पर नहीं माना जा सकता है। इसकी वजह है कि शैड्यूल पाँच को लेकर ग्राम सभाओं को मिले अधिकार। खड़गंवा विकासखंड के क़रीब सत्तर ग्रामसभाओं ने प्रस्ताव पारित कर खुद को बैकुंठपुर में जोड़े जाने का निर्णय लिया है, और शैड्यूल पाँच के तहत मिले अधिकार ग्रामसभा के इन प्रस्तावों को अकाट्य कर देते हैं। ऐसे में क्या संभावना बनती है, पढ़िए...

बैकुंठपुर। 15 अगस्त को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा घोषित ज़िले MCB यानी मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर के लिए संशोधित प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया गया है। इस संशोधित प्रस्ताव को बीते 23 अक्टूबर को राज्य सरकार को सौंपा गया है।

मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर के लिए जो प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें तीन विकासखंड खड़गंवा, भरतपुर और मनेंद्रगढ़, पाँच तहसीलें मनेंद्रगढ़, खड़गंवा, चिरमिरी, केल्हारी और भरतपुर के साथ 101 पटवारी हल्के शामिल हैं। इन पटवारी हल्क़ों में मनेंद्रगढ़ के 19, भरतपुर के 35, खड़गंवा के 26, चिरमिरी के 8, केल्हारी के 13 पटवारी हल्के शामिल हैं।

इस प्रस्ताव के अनुसार नवगठित ज़िले MCB का कुल राजस्व क्षेत्रफल 1, 72, 639 हैक्टेयर होगा। जिनमें 58, 633 खाताधारक हैं। इसमें 412 गाँव हैं, जबकि ग्राम पंचायत 233 हैं। प्रस्तावित ज़िले की जनसंख्या 4, 22, 248 होगी।

हालाँकि यह प्रस्ताव है, लेकिन यही अंतिम रुप ले लेगा, इसे कम से कम मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के मसले पर नहीं माना जा सकता है। इसकी वजह है कि शैड्यूल पाँच को लेकर ग्राम सभाओं को मिले अधिकार। खड़गंवा विकासखंड के क़रीब सत्तर ग्रामसभाओं ने प्रस्ताव पारित कर खुद को बैकुंठपुर में जोड़े जाने का निर्णय लिया है, और शैड्यूल पाँच के तहत मिले अधिकार ग्रामसभा के इन प्रस्तावों को अकाट्य कर देते हैं। ग्रामसभा के इन प्रस्तावों के बारे में पढ़ते हुए यह भी याद रखा जाना चाहिए कि ये प्रस्ताव राज्यपाल के पास पहुँच चुके हैं, और इनकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी दी जा चुकी है। वहीं नवगठित ज़िले के लिए भेजे गए प्रस्ताव पर अभी दावा-आपत्ति की प्रक्रिया होनी है। किसी भी अन्य ज़िले के गठन के दौरान या कि प्रस्तावित ज़िले को लेकर ग्रामसभा का यह विरोधी प्रस्ताव पारित नहीं है। इसलिए जाहिर है कि ऐसा हो पाना इतना आसान नहीं होगा।

Tags

Next Story