गौरैया के संरक्षण के लिए अनूठी पहल: नन्ही चिड़ियों को मिला आशियाना, विलुप्त हो रही गौरैया चिड़िया को बचाने चले ग्रामीण

दीपक मित्तल/बालोद। गर्मी और पानी की कमी की वजह से कई बार चिड़ियों की जान चली जाती है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के बालोज जिले के दल्लीराजहरा गांव में गौरैया चिड़िया को बचाने की अनूठी पहल शुरू की है। यहां पर एसबीएम विभाग के देवशरण यादव ने अपने घर की छत और आंगन में गौरेय्या सभी तरह की सुविधा तैयार कर रखी है। चिड़ियों के खाने से लेकर बाजरा और पानी की व्यवस्था बनाई हुई है। देवशरण यादव के घर पर चिड़ियों की दोस्त भी आने लगी है। जिससे देखकर देवशरण ने छत और आंगन में 3 से अधिक गौरैया चिड़िया का आशियाना बना दिया है। यह सभी चिड़िया सुबह घूमने निकल जाती है और शाम को फिर से अपने घर में आ जाती है।
ग्रामीणों को अलार्म की जरूरत नहीं...
आपको बता दें, बालोज जिले के दल्लीराजहरा गांव में ग्रामीणों को सुबह उठने के लिए अलार्म की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि यह प्यारी चिड़िया चहक-चहक कर उन्हें उठा देती हैं। सुबह-सुबह घर पर गौरैया चिड़िया की चहक से ग्रामीण परिवारों में ताजगी आ जाती है और प्रकृति से रूबरू होने का मौका मिलता है। देवशरण के साथ मिलकर ग्रामीणों परिवारों द्वारा गौरैया चिड़िया की देखभाल की जाती है।
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