PSC : राज्य बनने के बाद पीएससी में पहली बार बड़ा बदलाव, अब दो साल तक रखने होंगे दस्तावेज

रायपुर। मध्यप्रदेश पीएससी (Madhya Pradesh PSC)से अलग होने के बाद सीजी पीएससी (CG PSC)में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) के निर्देश पर शासन (government) द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है कि पीएससी में दस्तावेज विनिष्टिकरण की अवधि दो साल कर दी जाए। अर्थात परिणाम जारी होने के दो वर्ष तक परीक्षा से संबंधित उत्तरपुस्तिकाएं अथवा अन्य विवरण नष्ट नहीं किए जा सकेंगे। अब तक इसके लिए कोई समय-सीमा तय नहीं थी। पीएससी अपनी इच्छा के मुताबिक कभी भी दस्तावेज नष्ट कर सकता था।
प्रस्ताव पारित हो जाने की स्थिति में दो साल तक पीएससी को सभी परीक्षार्थियों के दस्तावेज सुरक्षित रखने होंगे। इससे सबसे बड़ा लाभ परीक्षार्थियों को होगा। यदि परीक्षा परिणाम में किसी तरह का संदेह विद्यार्थियों द्वारा प्रकट किया जाता है अथवा कोई जांच बैठाई जाती है तो जांच के लिए दस्तावेज उपलब्ध होंगे। हालांकि इसका लाभ अभ्यर्थियों को त्वरित रूप से नहीं मिलेगा। यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है तो अगले सत्र से इसे लागू किया जाएगा। अब तक हुई परीक्षा के लिए यह नियम लागू नहीं होगा।
विवादों के कारण फैसला
पीएससी द्वारा हाल ही में ली गई भर्ती परीक्षाओं में विवाद की स्थिति निर्मित हुई है। इसमें अभ्यर्थियों ने भ्रष्टाचार और अपने नजदीकियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। कोर्ट में भी यह मामला चल रहा है। पीएससी भर्ती परीक्षा इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दों में एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीते दिनों बिलासपुर में हुई सभा में इसका जिक्र किया था। छात्र संगठन और पीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी भी इसे लेकर बड़े पैमाने पर नियमित रूप से प्रदर्शन करते रहे हैं।
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