सम्मेद शिखर पर बोले पं. प्रदीप मिश्रा : पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध, व्यासपीठ से कहा- उसे तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाए

सम्मेद शिखर पर बोले पं. प्रदीप मिश्रा : पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध, व्यासपीठ से कहा- उसे तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाए
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उन्होंने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध किया और व्यासपीठ से आवाहन किया कि जहां जैन धर्म की आस्था हो, जहां मुनियों ने तप किया हो, वह जगह तीर्थ ही रहनी चाहिए, ना कि घूमने-फिरने का स्थान। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के समीप बलौदाबाजार जिले के ग्राम कोकड़ी में इन दिनो आशुतोष शिव महापुराण कथा चल रही है। कथावाचक हैं पंडित प्रदीप मिश्रा। श्री मिश्रा ने सम्मेद जी शिखर को लेकर आंदोलित देशभर के जैन समाज का समर्थन करते हुए कहा है कि, जैन मुनियों के तीर्थस्थल सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं बल्कि तीर्थस्थल ही घोषित करना चाहिए। उन्होंने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने का विरोध किया और व्यासपीठ से आवाहन किया कि जहां जैन धर्म की आस्था हो, जहां मुनियों ने तप किया हो, वह जगह तीर्थ ही रहनी चाहिए, ना कि घूमने-फिरने का स्थान।

सम्मेद जी शिखर जैन धर्म की आस्था का केंद्र

पं. मिश्रा ने कहा कि, वह जगह जैन धर्म के आस्था का केंद्र है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री आ जाएं और उनका नाम भर ले लिया जाए, अध्यक्ष आ जाए और नाम लिया जाए, उनके पद को ना बोला जाए तो बुरा लगता है, उसी प्रकार यह समवेत शिखर भी जैन धर्म के आस्था का केंद्र है। यदि वहां दूसरे काम किए जाएंगे तो बुरा लगेगा। इसलिए वे मांग करते हैं कि उसे तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि समवेत शिखर हमारे पार्श्वनाथ भगवान का स्थान है, जहां का एक आनंद होना चाहिए. उसे पर्यटन या पिकनिक स्थल नहीं तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाना चाहिए, वह पवित्र स्थल है।

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