बैक की परीक्षाएं लेना भूला PTRSU, छात्रों को हो रही एडमिशन में दिक्कत

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विवि द्वारा परीक्षाओं के आयोजन से लेकर परिणाम घोषित करने और प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ करने तक के कार्यों की गति बढ़ा दी गई है, ताकि अगला शैक्षणिक सत्र तय वक्त पर प्रारंभ किया जा सके। इसके बाद भी कई विषयों की परीक्षाएं रविवि द्वारा अब तक आयोजित नहीं की जा सकी हैं। इसके परिणामस्वरूप छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रवेश लेने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और छात्रों का पूरा वर्ष खराब होने की कगार पर है। सभी महाविद्यालयों को मिलाकर ऐसे छात्रों की संख्या 100 के करीब है।
ताजा मामला रविवि द्वारा संचालित बीएएलएलबी पाठ्यक्रम का है। इस पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में दस सेमेस्टर होते हैं। छात्रों को अंतिम वर्ष में प्रवेश तभी दिया जाता है, जब उनके पहले के चार सालों के सभी सेमेस्टर के सभी विषयों में छात्र उत्तीर्ण हो। फेल होने वाले या किसी विषय में बैक आने वाले छात्रों के लिए परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। इस वर्ष रविवि द्वारा बीएएलएलबी की एटीकेटी परीक्षाएं रविवि द्वारा ली ही नहीं गई हैं। वहीं अंतिम वर्ष में प्रवेश प्रारंभ होकर बंद भी हो गया है। इसके चलते बीते सेमेस्टर में बैक आने वाले छात्र अंतिम वर्ष में प्रवेश से चूक गए हैं।
एमफिल के परिणाम 100 प्रतिशत
रविवि द्वारा एमफिल अर्थशास्त्र तथा इतिहास के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। दोनों के ही नतीजे 100 प्रतिशत रहे हैं। अर्थशास्त्र में 10 छात्र शामिल हुए थे, जबकि 5 छात्रों ने एमफिल इतिहास की परीक्षाएं दिलाई थीं। इसके अलावा पीजीडीसीए एटीकेटी द्वितीय सेमेस्टर के नतीजे भी रविवि ने जारी कर दिए हैं। इसमें 550 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से 402 ने यह परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। इसके अलावा रविवि ने बीकॉम, बीए, बीएससी व बीसीए तीसरे वर्ष के पुनर्गणना के रिजल्ट भी घोषित कर दिए हैं। अधिकतर छात्रों के परिणाम अपरिवर्तित ही रहे हैं।
कमेटी की रिपोर्ट पर फैसला नहीं
कॉलेज खोलने के लिए तिथियों का निर्धारण करने विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की एक कमेटी उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गठित की गई थी। कमेटी को उन राज्यों में, जहां कॉलेज खुल गए हैं, वहां की स्थितियों का अध्ययन कर रिपोर्ट देनी थी। कमेटी द्वारा अपनी रिपोर्ट दिसंबर में ही उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दी गई थी। इसके बाद भी तिथि को लेकर फैसला अब तक नहीं लिया जा सका है। सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग माह के अंत तक इस पर अंतिम निर्णय ले सकता है।
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