अधिग्रहण पर सवाल : हाईकोर्ट ने चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स और इंडियन बैंक से मांगा जवाब

अधिग्रहण पर सवाल : हाईकोर्ट ने चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल के बोर्ड आफ डायरेक्टर्स और इंडियन बैंक से मांगा जवाब
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हाई कोर्ट से जारी नोटिस में पूछा गया है कि उन्होंने किस आधार पर लीज की जमीन को गिरवी रखा और बैंक ने लोन कैसे दे दिया। फिर नीलाम करने का आदेश कैसे जारी कर दिया। पढ़िए पूरी खबर...

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने दुर्ग स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल को प्रदेश सरकार द्वारा अधिग्रहित करने के खिलाफ जनहित याचिका मंजूर कर ली। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने हॉस्पिटल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और इंडियन बैंक को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। याचिका में हॉस्पिटल के अधिग्रहण अधिनियम को चुनौती दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार अमित चंद्राकर और 5 अन्य की ओर अधिवक्ता गुंजन तिवारी और संदीप झा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण अधिनियम को विनियमित कर बड़ी चूक की है। इसके कारण जनहित प्रभावित हुआ है। अमित चंद्राकर ने अपनी याचिका में कहा है कि उनके दादा चंदूलाल चंद्राकर ने मेमोरियल हास्पिटल और मेडिकल कॉलेज के लिए दशकों पहले लीज पर जमीन ली थी। यह हॉस्पिटल एक निजी संस्था की ओर से संचालित था। जिसका निर्माण शासन से लीज पर दी गई भूमि में किया गया है। लीज में यह उल्लेख है कि जमीन का व्यक्तिगत उपयोग नहीं किया जा सकता।

डायरेक्टर्स और बैंक की भूमिका सवालों में

हाईकोर्ट में लगाई गई याचिका में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर अवैध दस्तावेज प्रस्तुत कर लोन लेने का आरोप लगाया गया है। उक्त पैसों की बंदरबांट का भी आरोप लगाया गया है। जिसकी वजह से कॉलेज घाटे में चला गया। जब बैंक को लोन वापस नहीं किया गया तो बैंक ने कॉलेज को नीलाम करने की घोषणा कर दी। याचिका में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर और इंडियन बैंक की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं।

लीज की जमीन कैसे होगी नीलाम?

जनहित याचिका में यह भी कहा है कि शासन का नियम है कि किसी भी परिस्थिति में लीज की जमीन की बिक्री नहीं की जा सकती और न ही गिरवी रखी जा सकती है। इस तरह उसकी नीलामी भी नहीं की जा सकती।

डिवीजन बैंच में सुनवाई

इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने हॉस्पिटल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के 13 सदस्यों के साथ ही इंडियन बैंक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसमें पूछा गया है कि उन्होंने किस आधार पर लीज की जमीन को गिरवी रखा और बैंक ने लोन कैसे दे दिया। फिर नीलाम करने का आदेश कैसे जारी कर दिया।

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