रायगढ़ डबल मर्डर केस : प्रेमिका की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर पूर्व विधायक ने की मां-बेटी की हत्या, 6 साल बाद आरोपी को आजीवन कारावास

रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के बहुचर्चित दोहरे हत्याकांड का खुलासा 6 साल बाद हुआ है। मामले में पुलिस ने ओडिसा के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय और एक अन्य को गिरफ्तार किया है। वहीं कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही साक्ष्य छुपाने पर 7 साल की सजा दी है। बता दें कि 7 मई 2016 को चक्रधरनगर थाना पुलिस को हमीरपुर मार्ग पर मां शाकंम्बरी प्लांट के रास्ते पर एक महिला और एक बालिका का शव पड़े होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
गांव और फैक्ट्री कर्मियों से पूछताछ में शिनाख्त नहीं हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि पहले दोनों की हत्या की गई फिर शवों को गाड़ी से कुचला गया है। जांच में महिला की पहचान कल्पना दास और लड़की की पहचान उसकी बेटी बबली के रूप में हुई। इस पर पुलिस ने मृतिका के मोबाइल का कॉल डिटेल निकालने के बाद बृजराजनगर, ओडिशा से बीजू जनता दल के पूर्व विधायक अनूप कुमार साय को गिरफ्तार किया। पूछताछ में अनूप कुमार साय ने घटना करना कबूल किया। अनूप कुमार ने बताया कि 2004-05 में कल्पना दास को पूर्व पति से छोड़े जाने के बाद उसके पिता मेरे पास लेकर आए थे। कल्पना एवं मेरे बीच प्रेम संबंध होने से दोनों मिलते रहते थे। 2011 में उसे भुवनेश्वर स्थित पत्नी के नाम बने मकान में रखता था। इस दौरान कल्पना शादी करने और मकान को अपने नाम पर करने तथा पैसा मांग कर ब्लैकमेलिंग कर रही थी।
अनूप ने बताया कि ब्लैकमेलिंग से तंग आकर कल्पना और उसकी बेटी बबली को ठिकाना लगाने की योजना बनाई। फिर 5 मई 2016 की रात दोनों मां-बेटी को भुनेश्वर से झारसुगुड़ा भेजा और स्वयं निजी वाहन से पीछे-पीछे झाड़सुगुड़ा रवाना हो गया। झारसुगडा के एक होटल में कल्पना और बबली को रूकवाने के बाद दूसरे दिन रायगढ़ में शादी करने का झांसा देकर अपने ड्राइवर के साथ गाड़ी में लेकर निकल गया। रायगढ़ में होटल नहीं मिलने पर हमीरपुर में अपने रिश्तेदार के यहां रुकवाने की बात कहते हुए आरोपी ने मां-बेटी को हमीरपुर मार्ग पर मां शाकम्बरी प्लांट जाने के रास्ते पर उतार कर लोहे के राड से दोनों के सिर में वार कर हत्या कर दी। लाश को कच्ची सड़क पर फेंककर हत्या का सबूत छिपाने ड्राइवर बर्मन टोप्पो ने गाड़ी लाश के ऊपर कई बार चढ़ाकर वहीं छोड़कर वापस ओडिसा वापस लौट गए थे।
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