रेल कॉरिडोर : मुआवजा की मांग को लेकर कृष्णानगर वासियों ने किया रेल चक्काजाम, प्रबंधन ने मांगा एक माह का समय

रेल कॉरिडोर : मुआवजा की मांग को लेकर कृष्णानगर वासियों ने किया रेल चक्काजाम, प्रबंधन ने मांगा एक माह का समय
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छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कृष्णानगर वासी पिछले एक माह से मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इनकी मांगों को अनसुना करने पर नगरवासियों ने आंदोलन को उग्र करते गुरुवार को दीपका से गेवरा रोड के मध्य चलने वाली कोयला परिवहन ट्रेनों को सुबह से दोपहर तक बंद करा दिया था।

कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित कृष्णानगर वासी पिछले एक माह से मुआवजा की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इनकी मांगों को अनसुना करने पर नगरवासियों ने आंदोलन को उग्र करते गुरुवार को दीपका से गेवरा रोड के मध्य चलने वाली कोयला परिवहन ट्रेनों को सुबह से दोपहर तक बंद करा दिया था। इससे चार खेप ट्रेन परिचालन प्रभावित हुई। दरअसल बिलासपुर मंडल अंतर्गत गेवरा रोड कटघोरा होते हुए पेंड्रारोड़ तक नई रेल लाइन बिछाई जा रही है। लगभग 135 किमी लम्बी दोहरी रेल लाइन बिछाई जा रही है। छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल कॉरिडोर परियोजना में एसईसीएल की 64 प्रतिशत, इरकान की 26 प्रतिशत व राज्य सरकार की 10 प्रतिशत की भागीदारी है। इस रेल कॉरिडोर से कोरबा जिले के चारों कोयला प्रक्षेत्र से कोयला परिवहन के साथ यात्री ट्रेनों का संचालन किया जाना है। इस रेल कारीडोर को दीपका से जोड़ने वाली रेल लाइन में दीपका की वार्ड 7 कृष्णानगर के 42 परिवार के लोग प्रभावित हो रहे हैं। इसमें से 16 लोगों का मकान, बाड़ी, कुआं, बोर पेड़ पौधे आदि प्रभावित हो रहा है। सभी प्रभावितों का परिसंपति का निर्माण मूल भूमि खसरा न० 416 के अलग-अलग हिस्से में हुआ है। इसे वर्ष 1990 से लेकर 1996 के मध्य काश्तकार घसिया वल्द दाऊ की निजी हक भूमि से सभी व्यक्तियों ने आपसी इकरारनामा से क्रय किया था और अपरिहार्य कारणों से रजिस्ट्री नहीं करवाया गया था जिसके कारण मुआवजा भुगतान को रोक दिया गया है।

इस भूमि एवं भूमि में बने मकान बाड़ी एवं अन्य सभी परिसम्पतियों का गेवरा पेंड्रा रेल कारीडोर में अर्जित कर लिए जाने के बाद मौका जांच कर राजस्व विभाग के अधिकारियों, पटवारी, तहसीलदार की ओर से इस कार्यवाही के बाद मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया था। साथ ही इस संबंध में जिला प्रशासन को कई बार प्रभावितों ने आवेदन भी दिया था। लेकिन आज तक मुआवजा प्रदान नहीं किया गया है। इसके विरोध में बीते 5 अप्रैल से कृष्णा नगर प्रभावितों की ओर से ऊर्जाधानी संगठन के नेतृत्व में शांतिपूर्वक कार्यस्थल पर शांतिपूर्वक धरना दिया जा रहा है। आज अपने पूर्व घोषणा के अनुसार सुबह 8 बजे से दीपका गेवरा रोड के मध्य रेल पथ को जाम लगा कर प्रदर्शनकारी बैठ गए थे। दोपहर लगभग 12 बजे एरिया रेलवे मैनेजर प्रभात कुमार और दीपका तहसीलदार श्रीवास्तव, दर्री सीएसपी लितेश सिंह सहित अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा में एवं डीआरएम बिलासपुर की ओर से एक माह में मुआवजा दिलाने के आश्वासन के बाद रेल जाम कर बैठे आंदोलनकारी रेल पथ छोड़ने को तैयार हुए।

रेल कॉरिडोर के कारण प्रभावित 16 परिवारों के परिसम्पतियों का मुआवजा के साथ ही जमीन का मुआवजा 25 लाख रुपए एकड़ करने तथा रेल लाइन से चारों ओर से घिर जाने के कारण पूरे कृष्णा नगर स्थित 168 मकानों व जमीन का सम्पूर्ण अधिग्रहण की मांग की जा रही है। ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपूरन कुलदीप ने बताया कि अपनी जायज मांगों को लेकर पिछले एक माह से आंदोलित प्रभावितों की मांगों को अनसुना करने के खिलाफ आंदोलन को उग्र करते हुए आज 5 मई को दीपका से गेवरा रोड के मध्य चलने वाली कोयला परिवहन ट्रेनों को सुबह से दोपहर तक बंद करा दिया गया था। इससे चार खेप ट्रेन परिचालन प्रभावित हुई। उन्होंने बताया है कि एक माह में मुआवजा का वितरण करने के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया है पर मुआवजा और अन्य मांगों के मिलने तक धरना स्थल का पंडाल को नहीं हटाएंगे। वहीं आंदोलन को देखते हुए सुबह 6 बजे से ही पुलिसबल ,आरपीएफ और सीआईएसएफ के जवान तैनात किए गए थे लेकिन धरना स्थल पर अधिकारियों को चर्चा में उलझाए रखे और वहां से एक किमी दूर रेल की पटरी में बैठकर आंदोलन शुरू कर दिया गया था, जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ।





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