रेलवे की नई सेवा : किरंदुल से विशाखापटनम का सफर होगा खूबसूरत, ट्रेन में जोड़ा गया विस्टाडोम कोच, मनोरम दृश्य का लुत्फ उठा सकेंगे यात्री

पंकज भदौरिया/दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित बैलाडीला की लोह अयस्क की खदान एशिया में नम्बर 1 की खदान है। इसका लोहा किरन्दुल से जापान तक जाता है। इस लोह अयस्क को पहुंचाने के लिए 70 के दशक में जापान की मदद से किरंदुल से आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम तक एक रेल लाइन सेवा शुरू की गई। जापान की मदद से बस्तर, ओडिशा और आंध्रप्रदेश के पहाड़ी रास्ते पर जापान ने रेल पटरी बिछा दी। इस रास्ते में लगभग 56 टर्नल(गुफाएं) पड़ती है। इसके अंदर से यह ट्रेन एक रोमांचक सफर करते हुए गुजरती है। रास्ते में पड़ने वाले बोर्रागुहाल और अरकू वेल्ली अपने आप में बेहद ही खूबसूरत और पर्यटकों को अपने तरफ खींचने वाले स्थानों से गुजरती है।
विस्टाडोम कोच लगा पैसेंजर ट्रेन शुरू
अब पर्यटकों की सुविधा के लिए रेलवे विभाग ने KK रेललाइन पर 2 विस्टाडोम कोच लगा पैसेंजर ट्रेन चलानी शुरू की है, जो कि पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने इस नई सेवा का आरंभ किया है। गुरुवार सुबह 7 बजे यह ट्रेन दंतेवाड़ा रेलवे स्टेशन से विशाखापटनम के लिए रवाना हुई। विस्टाडोम कोच पूरी तरह से यात्रियों के लिए सर्वसुविधायुक्त है। इसमें कांच के शीशे चारों तरफ लगे हैं, जिससे यात्रा का मनोरम दृश्य का लुत्फ पर्यटक उठा सकते हैं। विशाखापटनम तक चलने वाली यह ट्रेन पहाड़ों के रास्ते होते हुए 56 गुफाओं के अंदर से गुजरती है। इस रोमांचक सफर का पर्यटक अब लाभ उठा सकते हैं। इतना ही नहीं आंध्रप्रदेश के विशाखापटनम तक बस्तर से स्वास्थ्य लाभ लेने वाले लोग भी बहुत अधिक संख्या में लगातार जाते हैं। क्योंकि स्वास्थ्य सुविधा और सुलभ किराये के हिसाब से विशाखापटनम बस्तरवासियों के लिए सस्ता है। देखिए वीडियो-
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS