बे मौसम बारिश से किसानों के निकले आंसू, फसल हुई बर्बाद

बे मौसम बारिश से किसानों के निकले आंसू, फसल हुई बर्बाद
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प्रदेश के कई जिलों में अचानक बदले माैसम से हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बारिश से खेतों में जलभराव होने के कारण धान की खड़ी व कटी हुई फसल पानी में डूब गई है। इससे धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है।

प्रदेश के कई जिलों में अचानक बदले माैसम से हुई बेमौसम बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बारिश से खेतों में जलभराव होने के कारण धान की खड़ी व कटी हुई फसल पानी में डूब गई है। इससे धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। खेताें के साथ खिलहानों में रखे धान की खरही व धान की ढेरी भी बारिश में प्रभावित हुई है।


यह नजारा जिले के तिल्दा क्षेत्र के मानपुर तुलीस नामक गांव में देखने काे मिला, जहां भारी बारिश से खेतों में खड़ी व कटाई कर रखी धान की फसल पानी में पूरी तरह डूब गई है। मानपुर तुलसी गांव के पीड़ित किसानों ने बताया कि क्षेत्र मेें शुक्रवार को देर रात अचानक भारी बारिश हुई, जिससे क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ में लगी माई धान की फसल जो खेतों में खड़ी है और कुछ कट चुकी है, सभी पानी में डूब गई।

पानी में डूबने से धान की फसल की क्वालिटी खराब हो गई है। अगर किसान समय रहते खेतों से धान की फसल निकाल लेते हैं, तो भी सरकारी सोसाइटी में उसे नहीं खरीदा जाएगा। अब प्राइवेट मंडी में ही वह धान पाखड़ के भाव 8 सौ से 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक जाए, तो किस्मत होगी। किसानों का कहना है कि पिछली बार भी बारिश से धान की फसल खराब हुई थी, लेकिन अब तक उसका कोई मुआवजा नहीं मिला।

300 एकड़ की फसल चौपट

मानपुर तुलसी के तरुण कुमार साहू् ने बताया कि उनके गांव मानपुर तुलसी में करीब 800 एकड़ जमीन में धान की फसल लगी थी, इसमें से वर्तमान में 250-300 एकड़ में माई धान की फसल खेतों में ही पड़ी है। बाकी के हरहुना धान की कटाई हो चुकी है। बारिश से केवल माई धान की फसल ही चपेट में आई है। गांव के पीड़ित किसानों में साहेब दास वैष्णव, ललित वर्मा, तिलक वर्मा, सौरभ मिश्रा, अक्षत बैस, राजेश लहरी शामिल हैं। इसके साथ तिल्दा ब्लॉक के ग्राम तोहड़ा, कोटा, कोहका, खपरीकला, सिनोधा सहित लगभग पूरे क्षेत्र में बे-मौसम बारिश से धान की फसल प्रभावित हुई है।

धान की फसल को निकालने में परेशानी

किसानों का कहना है कि खेत में जलभराव के कारण धान की फसल की कटाई व कटी हुई फसल को निकालने में भारी परेशानी हो रही है। अगर और बारिश हुई, तो पूरी फसल चौपट हो जाएगी। फिर भी जितना हो सके, धान की फसल को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि पानी में डूबने के कारण लगभग फसल खराब हो गई है।

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