बस्तर में बारिश का कहर : कोंटा से पहाड़ पर चले गए ग्रामीण आखिरकार माने, अब राहत केंद्र में कराया जा रहा शिफ्ट...

सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं। अत्यधिक वर्षा के चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है और कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई है। कई गांव तो टापू बन गए हैं। इसके कारण संभाग के अंदरूनी इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। जबकि सुकमा जिले का कोंटा इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है।
गांव में घुसा बाढ़ का पानी, पहाड़ पर रह रहे ग्रामीण
सुकमा में नदी उफान पर होने के कारण कोंटा इलाके में बाढ़ का पानी घुस आया है। बाढ़ से बचने कोंटा के वार्ड नम्बर 12 पुल्ली पारा के 25 ग्रामीण पास के पहाड़ के ऊपर मौजूद हैं। वहीं बारिश के बीच जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और एसडीएम बनसिंह नेताम टीम के साथ सभी 25 लोगों को राहत शिविर लाने पहुँचे। लेकिन लोगों ने आने से मना कर दिया और कहा कि उनके पशु वहां मौजूद हैं और वे उनकी देख-रेख कर रहे हैं और वो बिल्कुल सुरक्षित हैं। रविवार को फिर टीम पहुँची, जिला पंचायत अध्यक्ष और एसडीएम उन्हें समझाइश देकर वहां से लाने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ ही देर में सभी 25 लोगों को नाव के माध्यम से कोंटा लाया जाएगा। एसडीएम बनसिंह नेताम ने बताया कि कल भी तीन से चार बार वहां प्रसाशन की टीम पहुँची थी।

समझाइश के बाद राहत शिविर जाने तैयार हुए ग्रामीण
एसडीएम और जिला पंचायत अध्यक्ष के काफी समझाइश के बाद आखिरकार लोग मान गए और राहत शिविर जाने को तैयार हो गए हैं। सामान सहित सभी 25 लोगों को राहत केंद्र में शिफ्ट करवाया जा रहा है। इनके पालतू जानवरों को भी सुरक्षित ठिकानों में शिफ्ट जा रहा है। बता दें कि यह लोग पिछले 2 दिनों से प्रशासन के बार-बार बोलने के बावजूद जगह छोड़ कर नहीं आ रहे थे। बाढ़ में फंसे अपने मवेशियों की रखवाली के लिए रुके हुए थे। आज एसडीएम और जिला पंचायत अध्यक्ष की अपील के बाद आने को सहमत हुए। देखिए वीडियो-
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