Rain : मूसलाधार से पहाड़ी धंसी, नहर टूटी, दर्जनों गांव बन गए टापू, तीन की मौत, गौरेला- पेंड्रा के स्कूलों में छुट्टी

बिलासपुर। उत्तरी छत्तीसगढ़ व आसपास के इलाके में गहरा अवदाब स्थित होने के कारण पिछले दो दिनों से बिलासपुर व सरगुजा संभाग (Bilaspur and Surguja divisions )के सभी जिलों में भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश धरमजयगढ़( Dharamjaygarh )की गई। इसके अलावा सूरजपुर में 16, रामानुजगंज व पथरिया में 15, लोरमी में 15, लैलूंगा में 13, मुंगेली, बिल्हा, करतला में 12 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई।
बिलासपुर जिले( Bilaspur district )पर में पिछले 24 घंटे में 9 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। भारी बारिश से बिलासपुर जिले के सभी बांधों में पानी भर गया है। अरपा भैंसाझार बांध से 511 घनमीटर पानी छोड़ा गया है, जिससे अरपा नदी की धार तेज हो गई। घूंटाघाट के बांयी तट नहर से 450 और दांयी तट नहर से 50 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार की रात भारी बारिश से पेंड्रा जिले के केंवची स्थित सद्धबाबा मंदिर के पास एक पहाड़ी धंसक गई, जिससे अमरकंट रोड बंद हो गई। चार घंटे बाद आवागमन सामान्य हो पाया। पेंड्रा में अमरपुर गांव के पास स्थित फूटहा बांध फूट गया, जिससे खेतों में पानी भर गया ।
नहर टूटी, खेतों में भरा पानी
भारी बारिश से सरगुजा जिला बदहाल हो गया है। सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से डांडगांव के ग्राम सलबा में नहर टूट गई, जिससे बस्ती व खेतों में पानी भर गया। अंबिकापुर सहित अन्य इलाकों में भी चारों ओर पानी पानी नजर आ रहा है।
पुल को छूने लगी रेण नदी
भारी बारिश के कारण सूरजपुरजिले की नदियां भी उफान पर है। जिले की महान, रेण नदियां उफान पर चल रही है। बारिश के कारण सर्वाधिक खतरनाक स्थिति रेण नदी की है। नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। नदी का पानी रेण नदी के पुल को छूकर निकल रहा है। पानी के विकराल रूप को देखते हुए लोग पुल पर आवागमन की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे है।
शिवनाथ , आमनेर नदी में बाढ़
दुर्ग। दो दिनों से चल रही अनवरत बारिश से शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। शिवनाथ नदी और आमनेर नदी में बाढ़ आ गई है। जिसकी वजह से प्रशासन ने नदी किनारे के 22 गावों में एलर्ट जारी किया है। गांवों में मुनादी करवा दी गई है और नदी का जलस्तर बढ़ने पर उन्हे सुरक्षित स्कूल, ग्राम पंचायत या सार्वजनिक भवनों में चले जाने कहा गया है। शिवनाथ नदी में मोंगरा बैराज, सूखा नाला और घूमरिया से 8 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसकी वजह से शिवनाथ नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। इधर खरखरा व खपरी जलाशय में 100 फीसदी जलभराव हो गया है। इसलिए छलकने की स्थिति में है।
छोटी गाड़ियों की आवाजाही पर ब्रेक
राजनांदगांव। जिले के नदी नाले बेहद उफान पर है। गंडई के करीब दनिया पुल के ऊपर पानी का तेज बहाव होने के कारण दुर्ग और रायपुर से संपर्क टूट गया है। वहीं खातूटोला बैराज की नहर के बह जाने से खेतों में पानी भर गया है। राजधानी रायपुर दुर्ग को जोड़ने वाले दनिया पुल के ऊपर तेज रफ्तार से पानी बहने के कारण छोटे गाडयिों का आवागमन बंद हो गया है।
जान जोखिम में डालकर कर रहे लोग नदी पार
गरियाबंद। यहां 36 घंटे तक हुई बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिले के मेजर डेम सीकासर से दूसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। जिससे छोटे बड़े सभी नदी नाले में बाढ़ के हालात हैं। खेत खलिहान तालाब पोखर सब पानी से लबालब भरा हुआ है। धमतरी और गरियाबंद जिला को जोड़ने वाली कोपरा - डूमरपाली एनिकट में पानी के तेज बहाव होने से दूसरे दिन भी आवागमन बंद रहा।
मैनपुर से दर्जन भर ग्रामों का सम्पर्क टूटा
मैनपुर में पिछले दो दिनों से झमाझम हुई। बारिश से तहसील मुख्यालय मैनपुर से दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों का सम्पर्क पुरी तरह टूट गया । उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र के साहेबिनकछार, कोदोमाली, अमाड, नागेश, देवझर अमली, पायलीखण्ड क्षेत्र के ग्रामों से आवगम पूरी तरह अवरुद्ध रहा, क्योंकि उदंती और इद्रावन नदी अपने पूरे उफान पर होने के कारण तेज बहाव से लोग पैदल आना जाना भी नहीं कर पाये। इस क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में शिक्षक तक नहीं पहुंच पाए।
धरमजयगढ़ में सर्वाधिक 22 सेमी वर्षा, राजधानी में 8 सेमी
मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार तक धरमजयगढ़ में 22 सेमी बारिश हुई। सर्वाधिक बारिश प्रदेश में यहां दर्ज हुई। इसके अलावा सूरजपुर - 16 रामानुजनगर व पथरिया - 15, लोरमी -14, लैलूंगा 13, मुंगेली व बिल्हा करतला -12 तमनार, - खड़गवा, महासमुंद, मस्तूरी व अंबिकापुर-11 कटघोरा, अकलतरा, आरंग, दुलदुला व पिथौरा में 10 सेमी बारिश हुई। जांजगीर, खरसिया, कोरबा, पुसौर, बागबाहरा, तखतपुर, सिमगा, पामगढ़, सोनहत, रायगढ़, जनकपुर, बिलासपुर, पत्थलगांव, पाली, पलारी, बैकुंठपुर, भाटापारा, प्रतापपुर, तिल्दा, ओडगी, कोटा व घरघोड़ा में 9 सेमी, रायपुर, मनेंद्रगढ़, बलौदा, पेंड्रा, पेंड्रा रोड, आनुप्रतापपुर, पौडी उपरोरा, बेरला, कुनकुरी, चांपा व सेवरीनारायण में 8 सेमी, माना, सक्ती, थानखमरिया, बारामकेला, साजा, ढाभरा, मरवाही, लाभांडीह, भैयाथान, बेमेतरा, कवर्धा, गंडई, सारंगढ़, बिलाईगढ़, उदयपुर व वाड्रफनगर में 7 सेमी,मालखरौदा, लखनपुर, धमधा, मनोरा, कुसमी, राजिम, खैरागढ़, कशडोल, दुर्ग, बगीचा, सरायपाली व कांसाबेल में 6 सेमी, बोडला, पाटन, नवागढ़, सहसपुर लोहारा, जशपुरनगर, सीतापुर, अभनपुर, तपकरा कुरा, जैजैपुर, ओरछा, राजनांदगांव व कुरुद में 5 सेमी बारिश हुई। शेष स्थानों पर इससे कम वर्षा दर्ज की गई ।
गौरेला-पेंड्रा और मरवाही में स्कूल बंद
कई जिलों में भारी बारिश से हालात अत्यधिक खराब हो गए हैं। अत्यधिक वर्षा एवं जलभराव को देखते हुए गौरेला- पेंड्रा - मरवाही में 4 और 5 अगस्त को स्कूल बंद कर दिया गया है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए ऑरेंज अलर्ट तथा छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्री प्रायमरी से बारहवीं कक्षा तक सभी कक्षाएं बंद रहेंगी। शासकीय के साथ ही निजी स्कूलों में भी अगले दो दिनों तक अवकाश रहेगा।
शेड गिरा, दो बच्चों की मौत
पेंड्रा के बाजार मोहल्ले में साप्ताहिक बाजार शेड के नीचे अस्थाई आवास बनाकर रह रहे मनोज चौधरी का 6 साल का इकलौता बेटा श्लोक चौधरी बाजार छज्जा गिरने पर उसकी चपेट में आ गया, जिसके बाद आनन फानन में परिजन बच्चे को लेकर पहले पेण्ड्रा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, पर वहां पर कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं होने के कारण बच्चे को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां मौजूद डॉक्टर ने जांच के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया है। वहीं दूसरी घटना में पेंड्रा के ही नवागांव में एक मासूम बच्ची की दीवार गिरने से दबकर मौत हो गई है।
बेमेतरा में फूट गया बांध सैकड़ों एकड़ की फसल बर्बाद
बेमेतरा । सभी इलाकों में लगातार दो दिनों से हो रही बारिश के कारण क्षेत्र में बहने वाली शिवनाथ नदी, हाफ नदी, मोहरेंगा नाला सहित सभी नदी-नालों का जल स्तर बढ़ते क्रम पर है। यहां नवागढ़ ब्लाक के संबलपुर में बांध फूट जाने से सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद होने की खबर सामने आ रही है। बांध के फूट जाने के कारण यह बताया जा रहा कि लगभग 300 एकड़ धान की फसल लबालब पानी से डूब गई।
खेतों में लाखों की लागत से लगाया गया थरहा पानी में वह ताया, नहीं बहान से आई मिट्टी खेतों में पट गयी और पौधे दब गए। इसी तरह मारो क्षेत्र के ग्राम दोहतरा 50 एकड़ में पानी भर जाने से धान की फसल डूब गई। निरंतर बरसात के चलते ग्राम गोपालमैना, बाघुल, बघली, नेवशा बोइरकचरा, झांकी, धोबनी, चरघट, चरगांवा, बैहरसरी, बिरसिंघी, मजगांव, दाढ़ी सहित अन्य नदी किनारे बसे ग्रामों में बारिश ने कहर बरपाया है।
कई गांव का सम्पर्क टूट गया
जगदलपुर। बारिश एवं बाढ़ से बस्तर संभाग के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 7 से अधिक सड़कें एवं पुल, पुलियों का पहुंच मार्ग जर्जर हो गए। यहां तक कि उसूर ब्लॉक के एंगपल्ली गांव की सड़क तीन महीने पहले ही निर्माण किया गया, जो बारिश एवं बाढ़ में ही सड़क उखड़ गई।
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