ऑक्सीजन की बदहाल व्यवस्था संभालेंगे 25 कर्मचारी, नगर निगम से हर महीने खर्च होंगे 2 लाख रुपये

ऑक्सीजन की बदहाल व्यवस्था संभालेंगे 25 कर्मचारी, नगर निगम से हर महीने खर्च होंगे 2 लाख रुपये
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शहर के बीच बने ऑक्सीजोन को भले ही आधिकारिक रूप से आम लोगों के लिए शुरू कर दिया गया है, लेकिन लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का यहां बुरा हाल है। टायलेट से लेकर गार्डनिंग की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है।

शहर के बीच बने ऑक्सीजोन को भले ही आधिकारिक रूप से आम लोगों के लिए शुरू कर दिया गया है, लेकिन लोगों को मिलने वाली सुविधाओं का यहां बुरा हाल है। टायलेट से लेकर गार्डनिंग की व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। अब यहां व्यवस्था संभालने के लिए नगर निगम ने हर महीने दो लाख रुपये खर्च करने की योजना तय की है। 25 कर्मचारी ऑक्सीजोन में तैनात किए जाएंगे। इनमें माली समेत सफाई कर्मी और सुरक्षा गार्ड शामिल रहेंगे।

जानकारी के मुताबिक 19 एकड़ में फैले ऑक्सीजोन से लोगों को हराभरा माहौल देने के लिए वन विकास मंडल ने व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी अब नगर निगम को दे दी है। ऑक्सीजोन बनाने के लिए पूर्व में 70 दुकानों को तोड़कर पूरे इलाके में फलदार व सजावटी वृक्ष लगाए गए हैं, मेंटेनेंस के अभाव में पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही में लोगों की सुविधाओं के लिए बनाए गए टायलेट और पीने के पानी का सिस्टम गड़बड़ा चुका है। टायलेट में टूट-फूट होने के साथ उपकरणों को बदलने की जरूरत है। अब नगर निगम द्वारा ऑक्सीजोन के मेंटेनेंस के लिए नई जिम्मेदारी तय की गई है। बताया गया है ऑक्सीजोन में 25 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इसमें माली से लेकर सफाई कर्मी और सुरक्षा गार्ड शामिल होंगे। इनके लिए हर महीने 2 लाख रुपये तक खर्च किए जाएंगे।

ओपन ऑक्सीजोन में पहले से ज्यादा भीड़

रायपुर के पंडरी और कलेक्टर दफ्तर के पिछले हिस्से में इसे तैयार किया गया था। करीब 1 साल से लोगों का यहां आना-जाना था, मगर औपचारिक उद्घाटन नहीं हो सका था। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पिछले साल औपचारिकता पूरी करने के बाद ऑक्सीजोन में अब पहले से लोग पहुंच रहे हैं। सुबह और शाम दोनों वक्त लोगों की भीड़ रहती है। यहां 5 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे हैं। लोग यहां टहल सकते हैं, कसरत कर सकते हैं। फाउंटेन, छोटे वॉटर एरिया भी यहां मौजूद हैं।

इलाके में फूड जोन की पॉलिसी पर मंथन

नगर निगम द्वारा हर महीने मेंटेनेंस के लिए 2 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे, लेकिन मेंटेनेंस की राशि वसूल करने अब फूड जोन पर पॉलिसी बन सकती है। एक करीबी सूत्र के मुताबिक जिन जगहों पर दुकानों को तोड़ा गया है, वहां पर नगर निगम द्वारा फिर से फूड जोन बनाने की योजना है। फूड जोन और पार्क बनाने से मेंटेनेंस शुल्क वसूल हो सकेगा। हालांकि अभी इस संबंध में किसी ने भी अधिकारिक बयान नहीं दिया है।

मेंटेनेंस के लिए बना चुके योजना

ऑक्सीजोन के मेंटेनेंस के लिए योजना बना चुके हैं। इसके लिए कर्मचारियों की संख्या भी तय कर चुके हैं। जोन स्तर पर मेंटेनेंस की राशि तय कर नए सिरे से व्यवस्था संभाली जाएगी।

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