शार्प सर्जरी के लिए आठ करोड़ के उपकरण जरूरी, डीके अस्पताल प्रबंधन तैयार कर रहा सूची

शार्प सर्जरी के लिए आठ करोड़ के उपकरण जरूरी, डीके अस्पताल प्रबंधन तैयार कर रहा सूची
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न्यूरो, पीडियाट्रिक तथा प्लास्टिक सर्जरी जैसे सुपर स्पेशलिटी विभाग में ऑपेरशन प्रक्रिया को अत्याधुनिक करने के लिए आठ करोड़ के उपकरणों की आवश्यकता होगी। राज्य शासन से मिले निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ऐसे उपकरणों की सूची तैयार करने में जुट गया है।

हरिभूमि न्यूज रायपुर: न्यूरो, पीडियाट्रिक तथा प्लास्टिक सर्जरी जैसे सुपर स्पेशलिटी विभाग में ऑपेरशन प्रक्रिया को अत्याधुनिक करने के लिए आठ करोड़ के उपकरणों की आवश्यकता होगी। राज्य शासन से मिले निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ऐसे उपकरणों की सूची तैयार करने में जुट गया है।

पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने यहां मरीजों के सुपर स्पेशलिटी विभाग में होने वाले ऑपरेशन को और सुगम बनाने के लिए जरूरी उपकरण खरीदने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने निर्देशित किया था। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन गैस्ट्रो सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी जैसे विभागों में जरूरी उपकरणों के इंतजाम के लिए सूची तैयार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसके लिए अब तक आठ करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। चिकित्सकों के मुताबिक जिन उपकरणों की सूची तैयार की गई है, उसके माध्यम से ऑपरेशन और अधिक सुगम तरीके से किए जा सकेंगे। वर्तमान में डीके अस्पताल में सात सुपर स्पेशलिटी विभागों का संचालन किया जाता है। यहां प्रतिदिन विभिन्न विभागों में पंद्रह से बीस सर्जरी की जाती है, वहीं प्रतिदिन की ओपीडी ढाई सौ से तीन सौ तक पहुंचती है। जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से विभिन्न योजनाओं के तहत सर्जरी के लिए बच्चों को अब डीके अस्पताल भेजा जाएगा। इसे देखते हुए यहां सर्जरी के उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है।

प्रत्यारोपण के उपकरण नहीं मिले

किडनी ट्रांसप्लांट के लिए यहां करीब 21 करोड़ के उपकरणों का प्रस्ताव बनाकर शासन को दिया गया था, जिसकी व्यवस्था अब तक नहीं हो पाई है। उपकरण की खरीदी के बजाय इसका इंतजाम दान में मिलने वाले फंड के जरिए करने के दावे किए जा रहे थे। यह योजना भी फ्लाॅप हो चुकी है। डीके अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट अब तक शुरू नहीं किया जा सका है।

दो अस्पतालों के चक्कर

गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अभी भी दो अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। सड़क हादसे में मामला गंभीर होने पर इलाज के लिए मरीजों को डीके और आंबेडकर अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता है। रोड एक्सीडेंट के मामले ज्यादातर न्यूरो, आर्थो तथा सर्जरी विभाग से संबंधित होते हैं। न्यूरो सर्जरी डीके तथा दो अन्य विभाग आंबेडकर अस्पताल में संचालित होते हैं।

तैयार कर रहे प्रस्ताव

चिकित्सकों से जानकारी लेकर सर्जरी को और बेहतर बनाने के लिए शासन के निर्देश पर उपकरणों की सूची तैयार की जा रही है।

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