Raipur: स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में पिछड़ा स्वास्थ्य विभाग, लाखों बच्चों का नहीं हुआ स्वास्थ्य परीक्षण

Raipur: स्कूल हेल्थ प्रोग्राम में पिछड़ा स्वास्थ्य विभाग, लाखों बच्चों का नहीं हुआ स्वास्थ्य परीक्षण
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Raipur: राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का प्रोग्राम बना और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल हो गई। काम बंद होने के कारण आरबीएसके की टीम स्कूलों तक नहीं पहुंची और लगभग एक लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया है।

Raipur : राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) के तहत स्कूलों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का प्रोग्राम बना और संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल हो गई। काम बंद होने के कारण आरबीएसके की टीम स्कूलों तक नहीं पहुंची और लगभग एक लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नहीं हो पाया, जिसमें सिकलिंग और हीमोग्लोबिन की जांच भी शामिल है। हड़ताल का असर योजना के तहत गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों की सर्जरी पर भी हुआ है।

स्वास्थ्य कर्मियों (Health Workers) की हड़ताल की वजह से आरबीएसके का काम भी ठप पड़ा है। एक आरबीएसके की टीम में मेल-फीमेल डॉक्टर, फार्मासिस्ट, एएनएम, टेक्निशियन शामिल होते हैं। इनका काम आंगनबाड़ी और शासकीय स्कूलों में जाकर बच्चों का कार्ड बनाकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण करना होता है। टीम की सिफारिश पर गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों को सर्जरी तक की सुविधा दी जाती है। शासकीय स्कूल खुलने के कुछ दिन बाद ही स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल शुरू हो गई और स्वास्थ्य परीक्षण के लिए बनाया गया प्रोग्राम प्रभावित हो गया। हड़ताल की वजह से आरबीएसके की टीम कार्यक्रम तैयार होने के बाद भी पिछले दस दिनों से किसी भी शासकीय स्कूलों में नहीं जा रही, जिसकी वजह से बच्चों की स्वास्थ्य परीक्षण का काम प्रभावित हुआ है। इन दस दिनों में राज्यभर में करीब एक लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाना था, जिसमें सिकलिंग और हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) की जांच भी शामिल है। हड़ताल के कारण जिन बच्चों को सर्जरी के लिए सरकारी अस्पताल ले जाकर जांच प्रक्रिया शुरू करवाया था, जो अब तक शुरू नहीं हुई है।

ग्रामीण इलाकों में ज्यादा असर

लोगों का कहना है कि शहरी इलाकों (Urban Areas) की आरबीएसके टीम काम कर रही है, मगर ग्रामीण इलाकों में हड़ताल का असर है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के हॉस्टल में जाकर बारिश के मौसम में डायरिया सहित अन्य जांच इनके द्वारा पूरा किया जाता है, जो प्रभावित हुआ है। रायपुर में ग्रामीण इलाकों से जुड़े आठ राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम काम नहीं कर रही है।

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एस्मा लगाया जा चुका है

स्वास्थ्य सेवा (Health Care) को आवश्यक मानते हुए शासन द्वारा इसमें एस्मा लगाकर हड़ताली कर्मचारियों (Striking Workers) को वापस आने के निर्देश दिए गए थे। अब तक हड़ताली स्वास्थ्य कर्मचारी वापस काम पर नहीं लौटे हैं, इसकी वजह से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। हड़ताल में ग्रामीण चिकित्सा सहायक भी शामिल है जो ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों को दवा देने का काम करते हैं।

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