रायपुर : सरकारी लापरवाही के कारण अधेड़ की जान जाते-जाते बची, आप भी सतर्क रहें

रायपुर। लॉकडाउन के दौरान की गई व्यवस्था और उसके बाद की गई एक लापरवाही के कारण राजधानी रायपुर में एक अधेड़ की जान कल जाते-जाते बची। अगर मौके पर कुछ भले मानुष मौजूद नहीं होते, तो एक अधेड़ को अपनी जान गंवानी पड़ सकती थी।
लॉकडाउन के दौरान राजधानी रायपुर के भाटागांव चौक पर पुलिसकर्मियों के ड्यूटी के दौरान बैठने के लिए लोहे का रॉड लगाकर टेंट लगाया गया है। अभी लॉकडाउन खुलने के बाद ना तो वहां पर से टेंट उठाया गया है, ना ही लोहे के रॉड उखाड़े गए हैं। ऐसे में रात के अंधेरे में आड़ा फिट किया गया लोहे का रॉड आसानी से नहीं दिखता है। बीती शाम एक अधेड़ भाटागांव की तरफ से साइकल में सवार होकर नवनिर्मित बस स्टैंड की ओर जा रहे थे। वह चौक पर पहुंचे थे कि उन्हें लोहे का रॉड दिखा नहीं और वे उस रोड से टकरा गए। लोहे का रॉड अधेड़ के चेहरे पर पड़ा वह गश खाकर गिर पड़े। वहां मौजूद कुछ ऑटो चालकों ने तत्काल उसकी मदद की। वहां से गुजर रहे कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर (राज) की नजर भी उस गिरे पड़े अधेड़ पर पड़ी। उन्होंने भी अपने कुछ युवा साथियों के साथ तत्काल उसकी मदद की। साथ ही लोहे के रॉड पर चमकीला प्लास्टिक लगाया गया, ताकि रात के अंधेरे में भी लोगों को आसानी से वह रॉड दिख जाए और वे सतर्क हो जाएं। लोहे की रॉड से टकराकर गिर पड़े अधेड़ की जान तो जैसे-तैसे बचा ली गयी, लेकिन इसी तरह शहर के कई जगहों पर लॉकडाउन के दौरान लगाए गए टेंट को यूं ही छोड़ दिया गया है, जहां इस तरह की दुर्घटना की आशंका बनी हुई है। कांग्रेस के युवा कार्यकर्ता राज उर्फ रामेश्वर ठाकुर ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों के लिए बनाई गई यह व्यवस्था बेशक ज़रूरी थी, लेकिन उपयोगिता खत्म होने के बाद उसे निकाल देना भी ज़रूरी है। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन इसे दुरूस्त करे।
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