RTE Admission 2023 : रायपुर में आरटीई की 54 हजार सीटें रिक्त, आज से फिर शुरू हो रहा आवेदन

RTE Admission 2023 : रायपुर में आरटीई की 54 हजार सीटें रिक्त, आज से फिर शुरू हो रहा आवेदन
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RTE Admission 2023: भारतीय शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए दोबारा आवेदन आज से किए जा रहे है। प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत 54 हजार 600 सीटें हैं। इनमें से 35 हजार 211 सीटों पर ही दाखिले दिए गये हैं।

RTE Admission 2023: भारतीय शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए दोबारा आवेदन (Application) आज से किए जा रहे है। प्राइवेट स्कूलों (Private School) में 40 फीसदी सीटें रिक्त रहने के बाद यह फैसला किया गया है कि दूसरे चरण में केवल उन छात्रों को ही आवेदन करना होगा, जो पहले चरण में आवेदन नहीं कर पाए थे। किसी अन्य कारण से उनके आवेदन निरस्त हो गए थे और आवेदन की अंतिम तिथि घोषित नहीं की गई है। वहीं दूसरे चरण के सीट आवंटन तथा दाखिला संबंधित अन्य तारीखें भी घोषित नहीं की गई हैं। प्रदेश में आरटीई के अंतर्गत 54 हजार 600 सीटें हैं। इनमें से 35 हजार 211 सीटों पर ही दाखिले दिए गए हैं। शेष 19 हजार 389 सीटें रिक्त हैं। वहीं 29 जिले के 6 हजार 535 स्कूलों में आरटीई के जरिए मौजूदा सत्र में दाखिले हो रहे हैं। प्रथम चरण के लिए आवेदन मार्च में ही आवेदन प्रारंभ कर दिए गए थे। इसके बाद भी सभी सीटें नहीं भरी हैं।

रिजेक्ट हुए थे आवेदन

कई बालकों द्वारा एक से अधिक आवेदन (Application) भरे गए थे। इसके अलावा मांगे गए दस्तावेज उनके द्वारा नहीं दिए गए। अथवा जांच में बड़ी संख्या में दस्तावेज फर्जी पाए गए थे। इसके चलते आवेदन निरस्त भी हुए थे। प्रथम चरण में एक लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। ऐसा पहली बार हुआ था, जब आरटीई आवेदन (Rte Application) संख्या एक लाख के पार हो गई थी। ऐसे में विभाग को उम्मीद थी कि पहले चरण में ही आरटीई की पूरी सीटें भर जाएंगी। शुरुआत में विभाग ने केवल प्रथम चरण का शेड्यूल ही जारी किया था।

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हिंदी माध्यम की सीटें अधिक

आरटीई के अंतर्गत जो सीटें रिक्त रह गई हैं, उनमें से अधिकतर हिंदी माध्यम अथवा छोटे स्कूलों की सीटें हैं। हिंदी माध्यम वाले निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने के स्थान पर बालकों व बच्चों का अध्ययन शासकीय विद्यालयों में अधिक पसंद कर रहे हैं। निजी हिंदी माध्यम की सीटें प्रथम चरण में अलॉट की गई थीं। इनमें से बड़ी संख्या में सीटें रिक्त रह गई हैं। कई निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा बालकों को प्रवेश के लिए संपर्क भी किया गया है। इसके बाद भी उनके द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है।

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