रायपुर पुलिस सवालों के घेरे में, चांदी चोरी मामले में आरोपी को जमानत मिली, आरोप- ठोस सबुत के बिना की गई कार्रवाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई एक बार फिर सवालों के घेरे में है। रायपुर पुलिस ने बुधवार की रात कबीर नगर थाना के सोंनडोंगरी इलाके के एक बंद फैक्ट्री में छापा मारकर 3 करोड़ रुपये कीमती चांदी और तांबा बरामद करने का दावा किया था। इस मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया था कि यह माल चोरी का है। मामले में पुलिस ने फैक्ट्री मालिक अभिषेक जैन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, लेकिन रायपुर की एक अदालत ने अभिषेक जैन को तत्काल जमानत दे दी। अभिषेक जैन ने कोर्ट में चांदी और तांबे से संबंधित समस्त साक्ष्य और दस्तावेज प्रस्तुत कर दिया। इसके आधार पर कोर्ट ने उसे जमानत दी है।
गौरतलब है कि रायपुर पुलिस द्वारा सर्राफा कारोबारी अभिषेक जैन के ज्योतिका रिफाइनरी में बुधवार की रात को छापामार कार्रवाई की गई थी और पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बड़े दावे भी किए थे। इसके बाद से सर्राफा कारोबारी पुलिस के खिलाफ लामबंद है। सराफा एसोसिएशन ने इस मामले में तत्काल रायपुर एसपी से मिलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस ने बिना जांच के ही फैक्ट्री में दबिश दी और अभिषेक जैन को सफाई प्रस्तुत करने का मौका भी नहीं दिया, जबकि उसके पास सारे दस्तावेज और साक्ष्य मौजूद थे। रात 12 बजे अचानक से पुलिस ने उससे दस्तावेज मांगे और उसे समय नहीं दिया। इसके कारण पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई समझ से परे है। इस मामले को लेकर सर्राफा कारोबारी काफी नाराज हैं। इसके बाद रायपुर एसपी ने उन्हें आश्वस्त किया कि आगे से किसी भी कार्रवाई में इस प्रकार की लापरवाही नहीं की जाएगी।
वहीं इस मामले में आरोपी बनाए गए अभिषेक जैन ने बताया कि उस दिन पुलिस ने अचानक से छापे मार कार्यवाही की थी और उन्हें जैसे ही पुलिस ने फोन कर सूचना दी, वे मौके पर पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने बिना सोचे समझे उस पर काफी दबाव बनाया और रात में ही उसे लॉकअप में डाल दिया गया था। दूसरे दिन पुलिस ने बिना कारण के ही उसे आरोपी बना कर कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने मेरे द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेज और साक्ष्य को देखा और तत्काल मुझे जमानत पर रिहा करने के आदेश भी दे दिए। अभिषेक जैन ने कहा कि पुलिस ने यह कार्रवाई क्यों की, यह अब भी उनके समझ से परे है। इस कार्रवाई के कारण वह मानसिक रुप से विचलित भी है।
बहरहाल पुलिस की यह कार्रवाई वाकई में सवालों के घेरे में है, क्योंकि पुलिस ने 3 करोड रुपए के चांदी और तांबे को चोरी का होना बताया था। इतने बड़े मामले में यदि लोअर कोर्ट तत्काल जमानत देती है, तो इससे यह संकेत भी मिलता है कि पुलिस ने बिना ठोस सबूत के कार्रवाई की थी। अब यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि कार्रवाई के पीछे आखिर पुलिस की मंशा क्या थी?
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS