सांसद खेल महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय पहलवान एवं कोच कृपाशंकर ने कहा- खेल में आखिरी 10 सेकंड भी महत्वपूर्ण

रायपुर: पं. रविशंकर यूनिवर्सिटी के फिजिकल डिपार्टमेंट में सोमवार से तीन दिवसीय सांसद खेल महोत्सव की शुरुआत की गई। सोमवार को सांसद खेल महोत्सव का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, अंतर्राष्ट्रीय पहलवान और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित कृपाशंकर पटेल ने किया। उद्घाटन कार्यक्रम में केपीएस सरोना व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोवा के बीच फुटबाल के पहले मैच को किक मारकर शुरू किया गया। इस दौरान सांसद सुनील सोनी ने बताया कि यह सांसद खेल महोत्सव का पहला अवसर है, जिसमें विश्वस्तरीय खिलाड़ी भी शामिल रहेंगे। इस दौरान कबड्डी, खो-खो, व्हॉलीबाल, फुटबाल और 100 मीटर, 200 मीटर दौड़, गोला फेंक तथा तवा फेंक का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में रविवि के कुलपति प्रो. केसरीलाल वर्मा समेत राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी और आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन संयोजक दानसिंह देवांगन ने किया।
आखिरी 10 सेकंड भी महत्वपूर्ण
इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय कोच कृपाशंकर पटेल ने बताया कि खेल में आखिरी 10 सेकंड भी महत्वपूर्ण होते हैं। यह मैंने अपने अंतर्राष्ट्रीय खेल जीवन में सीखा है। उन्होंने अपने अंतर्राष्ट्रीय खेल का उदाहरण देते हुए कहा कि उनका मुकाबला नाइजीरिया के पहलवान के साथ था, जो कि उनसे सीनियर थे। शुरुआत में उन्होंने मुझसे बढ़त हासिल कर ली थी। आखिरी 10 सेकंड से पूर्व मैच का स्कोर 5-3 था। मैंने हनुमानजी का नाम लेकर एक जोरदार पंच मारा, इससे नाइजीरियन खिलाड़ी क्रोधित हो गए और अपना आपा खो दिया। मुझे उनको पटकने का मौका मिल गया। इससे मुझे 3 अंक मिल गए। इस प्रकार 6-5 से मैंने गोल्ड मेडल जीत लिया।
आने वाली पीढ़ी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि देश के विकास के लिए आने वाली पीढ़ी का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में सांसद खेल महोत्सव करने का निर्णय लिया। यह खेल महोत्सव देश के सभी संसदीय क्षेत्रों में हो रहा है।
खेल भावना को प्राथमिकता
कार्यक्रम के विशेष अतिथि विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहले लोग बोलते थे, खेलोगे, कूदोगे तो बनोगे खराब, पढ़ोगे, लिखोगे तो बनोगे नवाब, पर आज के खिलाड़ियों ने इसे गलत साबित किया है। आज लोग खेलों में भी नाम, इज्जत, पैसा सब कमा रहे हैं। इसलिए भारत में खेल भावना को प्राथमिकता मिल रही है।
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