कोल उत्पादन को लेकर राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांगी मदद

कोल उत्पादन को लेकर राजस्थान सरकार ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांगी मदद
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रायपुर कोल मामले को लेकर राजस्थान ने छत्तीसगढ़ सरकार का सहयोग मांगा है। राजस्थान सरकार ने 4320 मेगावाट थर्मल पावर उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट 40,000 करोड़ रुपये के निवेश पर शुरू किया है। यह निवेश देश के सबसे बड़े उत्पादक प्रदेश छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति पर भरोसा करते हुए किया है।

रायपुर कोल मामले को लेकर राजस्थान ने छत्तीसगढ़ सरकार का सहयोग मांगा है। राजस्थान सरकार ने 4320 मेगावाट थर्मल पावर उत्पादन क्षमता का पावर प्लांट 40,000 करोड़ रुपये के निवेश पर शुरू किया है। यह निवेश देश के सबसे बड़े उत्पादक प्रदेश छत्तीसगढ़ से कोयले की आपूर्ति पर भरोसा करते हुए किया है। यह बात रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के चेयरमैन आरके शर्मा ने कही है।

सीएस से की मुलाकात

विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के चेयरमैन आरके शर्मा छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। वे यहां राजस्थान सरकार को आवंटित कोल ब्लॉक में खनन प्रक्रिया में तेजी लाने में आ रही अड़चनों को दूर करने के प्रयास के लिए आए हैं। इस मसले पर बुधवार को उन्होंने मुख्य सचिव, सीएम सचिव से मुलाक़ात की है। उन्होंने सरगुजा कलेक्टर, एसपी से मिलकर खनन क्षेत्र में कानून व्यवस्था और प्रसाशनिक सहयोग मांगा है।

मिल रहे हैं 4-5 रैक, चाहिए 10-12

आरके शर्मा ने कहा कि पारसा कोल ब्लॉक से फिलहाल 4 से 5 रैक रोजाना मिल रहे हैं। इसे बढ़ाकर 10 से 12 रैक करना है। वर्तमान में 10 हजार टन कोयला मिल रहा है, इसे 40 हजार टन तक लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है। मैं विरोध कर रही जनता से कहना चाहूंगा कि माइंस में काम शुरू होने से रोजगार के अवसर खुलेंगे, साथ ही सीएसआर मद से उस एरिया के समग्र विकास हो सकेगा।

अभी करनी पड़ रही है बिजली कटौती

राजस्थान सरकार 4-5 घंटे के लिए बिजली कटौती करके बिजली देने के लिए मजबूर है, ताकि अस्पतालों, स्कूलों, अदालतों, सरकारी कार्यालयों, ईंधन स्टेशनों और परिवहन जैसे प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली प्रदान की जा सके, जबकि आवश्यक सेवाओं को बार-बार बिजली कटौती का डर सता रहा है, राजस्थान के बिजली संयंत्रों को उसके क्षमता से कम के उत्पादन के कारण बिजली क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ रहा है। बिजली उत्पादन इकाइयां और कोयला भंडार राष्ट्रीय संसाधन हैं, और उनका कम उपयोग करदाताओं के लिए नुकसानदेह है। पर्यटन उद्योग राजस्थान की अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण घटकों में से एक है और मेहमानों को आकर्षित करने और आराम देने के लिए सस्ती और निर्बाध बिजली के बिना जीवित नहीं रह सकता।

छत्तीसगढ़ को मिलेगा अतिरक्त कर और राजस्व

पिछले वित्तीय वर्ष में देश के कुल 716 मिलियन टन कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक 158 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ था। राजस्थान के लिए अतिरिक्त कोयला उत्पादन से भी महत्वपूर्ण रोजगार सृजन होगा और छत्तीसगढ़ के लिए अतिरिक्त कर और राजस्व प्राप्त होगा। राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। आरआरवीयूएनएल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आपसी हितों में दोनों राज्यों के बीच अनुकूल वातावरण बनाने के लिए धन्यवाद देता है।

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