राजस्थान की गुहार : अफसर मिले सरगुजा कलेक्टर से, कहा- परसा से कोयला नहीं मिला तो करना पड़ेगा अंधकार का सामना

राजस्थान की गुहार : अफसर मिले सरगुजा कलेक्टर से, कहा- परसा से कोयला नहीं मिला तो करना पड़ेगा अंधकार का सामना
X
आरआरवीयूएनएल के सीएमडी सूरजपुर पहुंचे, कलेक्टर एसपी से की सौजन्य मुलाकात, जल्द से जल्द खदान शुरू करने के लिए पहल करने की बात की

सूरजपुर। राजस्थान में भारी बिजली संकट आने वाला है। इससे निपटने के लिए राजस्थान सरकार कोयला खदान खोलने की तैयारी कर रही है। कोयला को लेकर राजस्थान विद्युत निगम मंडल के सीएमडी आरके शर्मा ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के सरगुजा कलेक्टर से मुलाकात की। इस दौरान परसा केते के सेकंड फेस को जल्द से जल्द खोलने के लिए चर्चा हुई। बता दें कि ग्रामीण और एनजीओ के विरोध के कारण अब तक परसा केते का सेकंड फेस शुरू नहीं हुआ है। परसा केते का सेकंड फेस खदान जल्द से जल्द शुरू नहीं हुआ तो राजस्थान में बिजली को लेकर भारी समस्या होगी।

सीएमडी आरके शर्मा ने कलेक्टर को बताया कि जून के फर्स्ट वीक का ही कोयला बचा है। राजस्थान के 7 हजार 5 सौ 80 मेगा वाट थर्मल जनरेशन का प्लांट है। कोयला नहीं मिलने से 4 हजार 3 सौ 40 मेगा वाट का जनरेटर केपीसीटी के प्लांट बंद हो जाएंगे। राजस्थान के बिजली व्यवस्था को बनाए रखने कोयला खदान खोलने के लिए सीएमडी ने सरगुजा कलेक्टर से मांग की है। केंद्र और राज्य सरकार से सहमति मिलने के बाद भी दो माह का समय बीत चुका है।

राजस्थान राज्य में अंधकार की स्थिति निर्मित न हो इस उद्देश्य से आज राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर आर के शर्मा आज सूरजपुर पहुंचकर जिले की कलेक्टर और एसपी से मुलाक़ात कर राजस्थान राज्य के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी से उत्पन्न बिजली कटौती अंधकार की स्थिति की समस्या पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कलेक्टर इफत आरा से परसा खदान की सभी अड़चनों को दूर कराकर जल्द से जल्द खदान शुरू करने में सहायता के लिए अनुरोध किया। उन्होंने बताया की राजस्थान राज्य में उपस्थित लगभग 4340 मेगावॉट के ताप विद्युत संयंत्रों में अब कुछ ही दिनों का ही कोयला शेष बचा है और अगर कोल आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो ब्लैकआउट की स्थिति भी निर्मित हो सकती है। आर आर वी यू एन एल के तीनों खदान परसा ईस्ट केते बासेन (पी ई के बी), परसा और केते एक्सटेशन में से फिलहाल पी ई के बी में ही कोयला उत्पादन जारी है वहीं अन्य दो की प्रक्रियाओं में अभी कई अड़चनों के कारण खनन शुरू नहीं हो पा रहा है।

सी एम डी शर्मा ने पत्रकारों को दिए जवाब में कहा कि," कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध की वजह से हमारे परसा ईस्ट के द्वितीय फेज और परसा कोल ब्लॉक के लिए मिली सभी कानूनी अनुमतियां के बाद भी खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन लोगों को उचित माध्यमों से वार्तालाप करके समझाना चाहिए। पी ई के बी खदान के द्वितीय फेज के खनन की अनुमति मार्च 25 को प्रदान की गयी है। और अगर राजस्थान के 4340 मेगावाट के यूनिटों के लिए जून के प्रथम सप्ताह तक कोयला नहीं मिल पाया तो राजस्थान में अंधकार की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। अतः इसे जल्द ही शुरू कराने हेतु कलेक्टर से अनुरोध किया है।"

उन्होंने ने बताया कि लोगो को समझाना चाहिए की इससे आदिवासियों का भी फायदा है। अभी हम 100 बिस्तरों का एक अस्पताल खोलने जा रहे है जिससे सभी को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी वहीं वर्तमान में चल रहे विद्या मंदिर को कक्षा 12 तक की सुविधा मिलने जा रही है। साथ ही कई तरह के विकास कार्यों से सभी को बहुत फायदा मिलता रहेगा। इस सबसे वहां के निवासी काफी खुश हैं।

चूँकि परसा कोल परियोजना के कुछ ग्राम सूरजपुर जिले के अंतर्गत भी आते हैं, अतः उन्होंने आज यहां भी जिले के कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा से भी मुलाकात कर परियोजना के बाधाओं को जल्द दूर करने का अनुरोध किया।



Tags

Next Story