राजधानी पहुंचे राकेश टिकैत : बोले- जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तब तक किसानों की फसलें ऐसी ही लुटती रहेंगी

राजधानी पहुंचे राकेश टिकैत : बोले- जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तब तक किसानों की फसलें ऐसी ही लुटती रहेंगी
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राकेश ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करने जाएंगे। फसलों के दाम का बड़ा सवाल है, भूमि अधिग्रहण है, जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तो किसानों की फसलें ऐसी ही लुटती रहेंगी। और क्या कहा टिकैत ने पढ़िए...

रायपुर। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत सोमवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे। स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से चर्चा के दौरा राकेश ने कहा कि प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा करने जाएंगे। फसलों के दाम का बड़ा सवाल है, भूमि अधिग्रहण है, जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तो किसानों की फसलें ऐसी ही लुटती रहेंगी। 20 मार्च को दिल्ली में एक बड़ी पंचायत है। कोई भी सरकार किसानों के खिलाफ फैसले लेंगे तो वहां जाकर हम मीटिंग करेंगे। देखिए वीडियो-

पूरे देश में लागू होना चाहिए एमएसपी पर

श्री टिकैत ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का मामला छत्तीसगढ़ में भी चल रहा है, सरकार से बात करेंगे। चुनाव प्रक्रिया है, पहले भी सरकार से चर्चा किया गया था, अब भी सरकार से चर्चा करेंगे ताकि मामले का निपटारा हो सके। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से फसलों के दाम एमएसपी पर देने को लेकर उन्होंने कहा कि पूरे देश में लागू होना चाहिए, एक स्टेट के देने से कुछ नहीं होगा। आदिवासी जो जंगलों में रहते हैं उसको भी लाभ मिलना चाहिए। देखिए वीडियो-

प्रदेश सरकार ठीक काम कर रही पर...

प्रदेश सरकार की तारीफ करते हुए किसान नेता टिकैत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की सरकार ठीक काम कर रही है। कुछ मामले बचे हैं उसको निपटाओ, जब तक देश में एमएसपी कानून गारंटी नहीं बनेगा तब तक किसानों को लाभ नहीं मिलेगा। जब तक स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करना चाहिए। आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव है तो क्या किसान चुनाव लड़ेंगे इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान चुनाव से दूर रहेंगे। किसी भी किसान संगठन को चुनाव में नहीं जाना चाहिए। किसान संगठनों को सरकारों से बातचीत करना चाहिए। आने वाले दिनों में वैचारिक क्रांति देश में आएंगी। विचार से उत्पन्न होने वाला क्रांति, 2014 में इस शब्द का इस्तेमाल हुआ था, अभी जो नौजवान है जिसको रोजगार नहीं है वहा इस शब्द का इस्तेमाल करेगा। 2013 में जो आंदोलन हुआ था उससे भी बड़ी आंदोलन की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए देश और नौजवान तैयार है। बड़ी कंपनियां हर क्षेत्र में जिस तरीके से आ रही है, पैसे का बड़ा इंवॉल्वमेंट उनका हो गया, गरीब आदमी के जीवन कुछ नहीं रहा। देखिए वीडियो-


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