दिव्यांगों से दरिंदगी के बाद जिला प्रशासन ने दिखाई सक्रियता, जशपुर के छात्रावासों में महिला गार्ड रखे जाएंगे

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित दिव्यांग केंद्र में मूक-बधिर बच्चियों के यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म की घटना के बाद अब जिला प्रशासन जागा है। जिले के सभी गर्ल्स हॉस्टल और आश्रम की सुरक्षा के लिए महिला सुरक्षा गार्ड नियुक्त करने के आदेश दिए गए हैं। जिला कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया है कि हॉस्टल अधीक्षक से लेकर चपरासी तक सभी कर्मचारी महिलाएं ही होंगी। हॉस्टल की निगरानी के लिए व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाएगा। जशपुर कलेक्टर ने छात्रावास-आश्रमों पर विशेष निगरानी रखने के साथ ही उनके निरीक्षण के लिए अफसरों की ड्यूटी लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सभी कन्या छात्रावासों में अधीक्षक, रसोइया, चपरासी और स्वीपर महिला कर्मचारी होंगे। चरित्र सत्यापन के बाद ही नियुक्ति मिलेगी। बाहर बोर्ड पर नियम और निर्देश लगाने के भी निर्देश दिए हैं।
पुरुष नहीं कर सकते प्रवेश, नियमो को नहीं मानने वालो के खिलाफ होगी कार्यवाही
कन्या छात्रावासों में पुरुषों के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। अधीक्षिका भी अपने छोटे बच्चों को छोड़कर परिवार के किसी भी पुरुष सदस्य को वहां नहीं रख सकेंगी। उन्हें अनिवार्य रूप से हॉस्टल में रहना होगा। पति भी हॉस्टल में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। जनप्रतिनिधि, अधिकारियों को अधीक्षिका से अनुमति लेनी होगी। शाम 5 बजे के बाद किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। नियमों का उल्लंघन करने पर FIR और निलंबन होगा।
पढाई की गुणवत्ता को लेकर शिक्षा विभाग अलर्ट
कलेक्टर ने हॉस्टल और आश्रमों में पढ़ाई के स्तर को लेकर शिक्षा विभाग को निगरानी के निर्देश दिए हैं। वह बीच-बीच में बच्चों से इसकी जानकारी लेंगे। जिला स्तर पर आश्रमों-छात्रावासों में निगरानी रखने के लिए महिला अधिकारियों की टीम गठित की गई है। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित व्यक्तियों पर FIR के साथ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा के लिए CCTV कैमरे लगेंगे। आने-जाने वालों की रजिस्टर में एंट्री की जाएगी।
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