ट्रेन के इंजन में फंसा दुर्लभ गिद्ध, जवानों ने निकाला, आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल

रायपुर: रेलवे पुलिस फोर्स के जवानों ने सोमवार को मुंबई हावड़ा मेल के इंजन में फंसे इजिप्शियन प्रजाति के गिद्ध को रेस्क्यू कर वन विभाग के सुपुर्द किया है। बुरी तरह घायल गिद्ध के एक तरफ के पंख बुरी तरह चोटिल हैं। वन अफसर गिद्ध के पंख के घाव भरने में सात से आठ दिन का समय लगने की बात कह रहे हैं।
गिद्ध के ठीक होने के बाद उसे वापस जंगल में छोड़ा जाएगा। जो जानकारी मिली है, उसके मुताबिक सुबह लोको पायलट ने इंजन में फड़फड़ाने की आवाज सुनी। इसके बाद उन्होंने इंजन में देखा कि गंभीर रूप से घायल पक्षी इंजन में फंसकर तड़प और फड़फड़ा रहा है। इसके बाद रेलवे के इंजीनियर ने इसकी जानकारी आरपीएफ को दी। आरपीएफ जवानों ने गिद्ध को किसी तरह कोई नुकसान न, हो इस बात को देखते हुए सावधानी पूर्वक इंजन से बाहर निकाला। गिद्ध को इंजन से बाहर निकालने के बाद आरपीएफ जवानों ने गिद्ध को पानी पिलाया।
आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल
गिद्ध की उम्र तकरीबन चार से पांच वर्ष के आसपास होना बताया जा रहा है। रायपुर वनमंडलाधिकारी विश्वेस कुमार के मुताबिक गिद्ध का प्रारंभिक उपचार करने के बाद खाने के लिए मछली दिया गया। अफसर के अनुसार इजिप्शियन वल्चर ज्यादातर जंगली क्षेत्रों में पाए जाते हैं। साथ ही इस गिद्ध को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन नेचर (आईयूसीएन) ने वर्ष 2016-17 में रेड लिस्ट में शामिल किया है। अफसर के अनुसार ट्रेन के जंगल के रास्ते गुजरते समय गिद्ध उड़ान भरते समय इंजन में फंस गया होगा।
दर्द निवारक दवा बनी थी विलुप्ति का कारण
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. एएमके भरोस के मुताबिक इजिप्शियन वल्चर की देश में पिछले एक दशक में संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उक्त प्रजाति का गिद्ध मरे हुए जानवरों की मांस खाता है। पूर्व में पालतू मवेशियों को दर्द निवारक डाइक्लोेफेनाक दिया जाता था। इसकी वजह से उन मरे हुए जानवरों की मांस खाने की वजह से गिद्ध की मौत हो जाती था। उक्त दर्द निवारक दवा पर रोक लगने के बाद इजिप्शियन वल्चर की देश में संख्या बढ़ने का पक्षी विशेषज्ञ ने दावा किया है।
इन देशों में पाया जाता है गिद्ध
इजिप्शियन वल्चर भारत के अलावा पाकिस्तान, कजाकिस्तान, मध्य भारत, स्पेन, तुर्की, ईरान, नेपाल, मिस्र, ट्यूनीशिया में पाया जाता है। पूरी दुनिया में इनकी संख्या 18 से 20 हजार के करीब आंकी गई है। जबकि यूरोप में इनकी संख्या 3 से 5 हजार के बीच है। इजिप्शियन वल्चर का रहवास केंद्र मूलत: जंगली इलाका है। यह मरे हुए जानवरों का मांस खाता है।
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