री-क्रिएशन पार्क पर लग सकता है ताला, दुबकी कोलकाता की कंपनी, विवाद में 17 एकड़ जमीन

री-क्रिएशन पार्क पर लग सकता है ताला, दुबकी कोलकाता की कंपनी, विवाद में 17 एकड़ जमीन
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इंद्रप्रस्थ कॉलोनी रायपुरा में लोगों के मनोरंजन के लिए शुरू किए गए री-क्रिएशन पार्क में कभी भी ताला लग सकता है। कोलकाता की रजिस्टर्ड कंपनी के दूरियां बढ़ाने से आरडीए की चिंता बढ़ गई है। कई एकड़ में जमीन सौंपने के बाद कंपनी ने कोविड काल की मंदी के बहाने भू-भाटक शुल्क पटाना ही बंद कर दिया है।

इंद्रप्रस्थ कॉलोनी रायपुरा में लोगों के मनोरंजन के लिए शुरू किए गए री-क्रिएशन पार्क में कभी भी ताला लग सकता है। कोलकाता की रजिस्टर्ड कंपनी के दूरियां बढ़ाने से आरडीए की चिंता बढ़ गई है। कई एकड़ में जमीन सौंपने के बाद कंपनी ने कोविड काल की मंदी के बहाने भू-भाटक शुल्क पटाना ही बंद कर दिया है।

अब जब शहर में पब्लिक पैलेस के फिर से खोले जाने आर्डर हुआ है री-क्रिएशन पार्क के संचालन को लेकर कोलकाता की पंचामृत इंटरटेनमेंट कंपनी की ओर से कोई भी सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही। ऐसे में माना जा रहा है कि कंपनी कभी भी पार्क के संचालन के लिए हाथ खड़े कर सकती है। हालांकि कंपनी की ओर से कोई अधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है लेकिन पार्क में उपजे हालातों को देखकर माना यही जा रहा है कि भू-भाटक शुल्क का निपटारा होते ही कंपनी अपना काम बंद कर सकती है।

वाटर पार्क से लेकर रेन डांस और फिर पब्लिक इंटरटेनमेंट के लिए क्लब हाऊस बनाने के निर्देश के बीच कंपनी ने आधा अधूरा काम किया है जबकि यहां आरडीए की लीज की जमीन पर दुकानें बनाकर उसे बेचने कवायद की गई है। ऐसे में अवैधानिक तरीके से क्रियाकलाप सामने आया है जिस पर कंपनी को हटाने कभी भी आरडीए की ओर से कड़ा फैसला हो सकता है।

17 एकड़ जमीन आरडीए के खाते से

कोलकाता की कंपनी को आरडीए ने 17 एकड़ जमीन लीज पर दे रखी है। अभी लीज में लिए जाने के बाद से आठ से दस करोड़ रुपये भू-भाटक शुल्क आरडीए को भुगतान करना बाकी है। पिछले ढाई साल से पार्क में कोरोना की वजह से गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं ऐसे में घाटे के डर से कंपनी ने कहीं न कहीं किनारा कर लिया है।

18 करोड़ की प्रापर्टी, विवाद का साया

मौजूदा स्थिति में इंद्रप्रस्थ कॉलोनी कैंपस में जितनी जमीन कोलकाता की कंपनी को दी गई है अभी उसकी कीमत करोड़ों रुपये में है। मार्केट वैल्यू के हिसाब से 17 से 18 एकड़ की जमीन के बदले आरडीए को 18 से 20 करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है लेकिन कंपनी के अड़ियल रवैए के बाद सिर्फ नुकसान हो रहा है। कंपनी ने कई तरह की शर्तों को कोर्ट में चुनौती देने फैसला किया है ऐसे में महंगी जमीन फिर विवाद में फंसने को तैयार है।

वंडरलैंड पार्क

25 करोड़ का था प्रोजेक्ट, 20 एकड़ जमीन पर बनाई गई कार्ययोजना, झूले, वाटर गेम्स और रामायण की झलक दिखाने होना था मनोरंजन

दिया था अल्टीमेटम

30 जून तक अल्टीमेटम दिया गया था लेकिन कंपनी की ओर से कोई जवाब फिलहाल नहीं मिला है। आरडीए के शुल्क का भी भुगतान शेष है। दोबारा नोटिस देकर कंपनी से जवाब मांगा जाएगा रिस्पांस नहीं मिलने पर लीज खत्म करने की कार्रवाई होगी।


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