मोबाइल की तरह रिचार्ज होने वाले स्मार्ट मीटर लगेंगे, तीन हजार करोड़ होंगे खर्च

रायपुर. प्रदेश के 50 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं के घरों और संस्थानों में मोबाइल की तरह रीचार्ज होने वाले स्मार्ट मीटर लगेंगे। इन मीटरों को लगाने में तीन हजार करोड़ का खर्च आएगा। एक मीटर छह हजार का है। इसके लिए केंद्र सरकार से प्रति मीटर नौ सौ रुपए मिलेंगे, बाकी का खर्च छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी को करना है। कंपनी ने इसके लिए टोटेक्स मोड का चयन किया है। इसमें टेंडर के जरिए ठेका कंपनी का चयन होगा, वही कंपनी पूरा खर्च वहन करेगी।
केंद्र सरकार ने पूरे देश में स्मार्ट मीटर लगाने की योजना बनाई है। यूं तो यह योजना पांच साल पुरानी है, लेकिन इस योजना पर अमल नहीं हो सका है, क्योंकि इस योजना को अनिवार्य नहीं किया गया था, लेकिन अब इस योजना का राजपत्र में प्रकाशन करके इसको अनिवार्य कर दिया गया है। अब कोई भी राज्य इस योजना को लागू करने के इनकार नहीं कर सकता है। इस योजना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहले ही मंजूरी दे चुके हैं।
रीचार्ज न होने पर बिजली होगी कट
स्मार्ट मीटरों में इस तरह की सुविधा रहेगी कि अगर कोई उपभोक्ता प्रीपैड कनेक्शन लेकर रीचार्ज नहीं कराता है तो उसकी बिजली कट हो जाएगी। इसके लिए पॉवर कंपनी के कर्मचारियों को किसी उपभोक्ता के घर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, कंट्रोल रूम से बिजली कट हो जाएगी, क्योंकि मीटर में ऐसी व्यवस्था रहेगी। रीचार्ज कराते ही मोबाइल में जिस तरह से सेवा वापस प्रारंभ हो जाती है, मीटर में भी वैसा ही होगा।
छह हजार का एक मीटर
योजना में लगने वाला स्मार्ट मीटर छह हजार का आएगा। योजना में केंद्र सरकार से 15 प्रतिशत यानी नौ सौ रुपए प्रति मीटर के हिसाब से मिलेगा। बाकी 51 सौ रुपए पॉवर कंपनी देगी। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने यहां के उपभोक्ताओं के हिसाब से केंद्र सरकार को योजना के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। वहां से मंजूरी मिलते ही योजना पर काम प्रारंभ होगा।
प्रीपैड और पाेस्टपैड
पॉवर कंपनी के अधिकारियों का कहना है जो मीटर लगेंगे, उसमें मोबाइल की तरह प्रीपैड और पोस्ट पैड दोनों तरह की सुविधा होगी। उपभोक्ता तय कर सकेंगे कि उनको क्या करना है। प्रीपैड उपभोक्ताओं को अपनी जरूरत के हिसाब से मीटरों को पहले रीचार्ज कराना होगा। इसमें मोबाइल की तरह अलग-अलग कीमत के रीचार्ज कूपनों का प्रकाशन होगा। ये सारा काम ठेका लेने वाली कंपनी ही करेगी। पॉवर कंपनी को बस हर माह तय होने वाली ईएमआई ही देनी होगी।
निजी कंपनी करेगी काम
प्रदेश में जिन कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, ऐसे 50 लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं। ऐसे में इस योजना पर तीन हजार करोड़ तो मीटर ही लेने में लगेंगे। इसके बाद इनको लगाने और इनकी देखरेख पर अलग से पैसे खर्च होंगे। ऐसे में पॉवर कंपनी ने इसके लिए एक नए टोटेक्स मोड में मीटर लगवाने का फैसला किया है। इसमें पूरा पैसा भी ठेका लेने वाली कंपनी लगाएंगी और रीडिंग से लेकर सारा काम भी कंपनी का होगा।
भेजा है प्रस्ताव
योजना के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है, वहां से मंजूरी के बाद योजना बनाकर टेंडर किया जाएगा। योजना में 15 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार से मिलेगी।
- हर्ष गौतम, एमडी, पॉवर वितरण कंपनी
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