नवा रायपुर में खुलते-खुलते रह गया रजिस्ट्री दफ्तर

नवा रायपुर में खुलते-खुलते रह गया रजिस्ट्री दफ्तर
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नवा रायपुर में जमीन रजिस्ट्री के लिए शुरू होने वाले नए दफ्तर का काम फिलहाल लटक गया है। इस हफ्ते से रजिस्ट्री दफ्तर शुरू करने की अधिसूचना तो जारी कर दी गई लेकिन कार्यालय के लिए सेटअप ही नहीं बन सका है। इसलिए अब भी प्रभावित 41 गांवों के लिए परेशानी दूर नहीं हो पाई है।

नवा रायपुर में जमीन रजिस्ट्री के लिए शुरू होने वाले नए दफ्तर का काम फिलहाल लटक गया है। इस हफ्ते से रजिस्ट्री दफ्तर शुरू करने की अधिसूचना तो जारी कर दी गई लेकिन कार्यालय के लिए सेटअप ही नहीं बन सका है। इसलिए अब भी प्रभावित 41 गांवों के लिए परेशानी दूर नहीं हो पाई है। सोमवार को भी गांवों से लोग रजिस्ट्री कराने रायपुर दफ्तर का चक्कर काटते नजर आए।

जबकि सोमवार से नवा रायपुर में जमीन रजिस्ट्री के लिए नई व्यवस्था होने की बात कही गई थी। बाद में नए कार्यालय से काम शुरू होने में फिलहाल देरी की बात कही गई। जिला पंजीयक बीएस नायक ने बताया, राज्य शासन के नए आदेश के बाद नवा रायपुर स्थित सेक्टर 27 में नया कार्यालय शुरू होगा। अभी सेटअप पूरी तरह से तैयार होना बाकी है। कोशिश है जल्द से जल्द कार्यालय का संचालन शुरू कर देंगे।

गौरतलब है कि जमीन रजिस्ट्री कार्यालय में हर दिन 150 से 170 प्रकरण प्रस्तुत किए जाते हैं। पांच काउंटर होने की वजह से तीन दिन पहले टोकन लेने के बाद भी लंबा इंतजार करना पड़ता है। इस दौरान नवा रायपुर की ओर से आने वाले ग्रामीणों को बहुत परेशानी होती है। पुराने दफ्तर में लोड होने की वजह से उनके पास बार-बार चक्कर काटने की मजबूरी रहती है। नई व्यवस्था किए जाने से उन्हें भी सहुलियत मिल सकेगी।

नए दफ्तर से इन गांव के लोगों को राहत

कांदुल- सेरीखेड़ी, नकटी, धरमपुरा, टेमरी, बनरसी और माना बस्ती, केंद्री- तूता, ऊपरवारा, केंद्री, निमोरा, झांकी, खंडवा, भेलनाडीह और पचेड़ा, तोरला- चेरिया, पौता, तेंदुआ, बंजारी और कुरा, पलौद- राखी, कुहेरा, कोटराभाठा, झांझ, नवागांव, खपरी, कयाबांधा, कोटनी, सेंध, रीको, चीचा, परसदा, पलौदा, बरौदा, रमचंडी, तांदुल, छतौना, नवागांव, मंदिर हसौद- मंदिर हसौद और उमरिया

2500 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट

41 गांवों के साथ ही नवा रायपुर में दो से ढाई हजार करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। रियल स्टेट कारोबार में इन्वेस्टमेंट लगातार जारी है। अभी रायपुर स्थित उप पंजीयक कार्यालय में ही रजिस्ट्री के लिए टोकन काटा जा रहा है। पुराने शहर के प्रकरणों में पहले से बढ़ोतरी होने की वजह से प्रत्येक दिन फाइल निपटाने का दबाव भी बढ़ रहा है। उप पंजीयक कार्यालय के पांचों काउंटर में ही दिनभर में 140 से 150 फाइल प्रस्तुत किया जा रहा है।


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