नियमितीकरण : आंगनबाड़ी केंद्रों से शुरू होगा आंदोलन का आगाज, राजधानी में उग्र प्रदर्शन की तैयारी

नियमितीकरण : आंगनबाड़ी केंद्रों से शुरू होगा आंदोलन का आगाज, राजधानी में उग्र प्रदर्शन की तैयारी
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छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ीकर्मियों को राज्य सरकार द्वारा नियमित नही किए जाने के कारण आंगनबाड़ीकर्मी संगठनों में जोरदार नाराजगी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका सरकार के खिलाफ जबरदस्त आंदोलन की तैयारी कर रही हैं। इसी सिलसिले में एक वर्चुअल मीटिंग बुलाई गई थी। उस बैठक में फैसले लिए गए। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार पिछले कई सालों से लाखों आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को उनकी मांगों के अनुरूप राहत देने का आश्वासन तो दे रही है, लेकिन हकीकत यही है कि उन्हें राहत तो कम और जिम्मेदारियों की फेहरिस्त ज्यादा मिल रही है। लगातार आंदोलन और उन आंदोलनों के जवाब में लगातार आश्वासन पा-पाकर हलकान हो चुकी आंगनबाड़ीकर्मी अब अपनी मांगों को लेकर क्रमबद्ध आंदोलन की तैयारी कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कर्मियों के कई संगठन सक्रिय हैं। लेकिन इस समय छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ सक्रिय रुप से मुखर नजर आ रहा है। यह संघ अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने जा रहा है।

संघ की प्रांताध्यक्ष पद्मावती साहू ने वर्चुअल मीटिंग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों की पदाधिकारी शामिल हुईं। सभी ने एकमत होकर यह तय किया है कि आने वाले समय में नियमितीकरण/शासकीयकरण, कलेक्टर दर पर मानदेय, पेंशन, कोविड-19 ड्यूटी की राशि जैसी तमाम मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। इस चरणबद्ध आंदोलन के अंतर्गत आंगनबाड़ीकर्मी अपने केंद्र और परिवार से ही आंदोलन की शुरुआत करेंगे। यह आंदोलन परिवार से शुरू होकर मोहल्ले तक जाएगा। मोहल्ले से गांव तक पहुंचेगा, गांव से विकासखंड मुख्यालय तक और विकासखंड मुख्यालय से जिल मुख्यालयों तक पहुंचेगा। इसके बाद राजधानी में प्रदेश स्तर पर एक वृहद आंदोलन किया जाएगा। प्रांताध्यक्ष श्रीमती साहू ने बताया कि तकरीबन सभी जिलों की पदाधिकारियों ने आंदोलन को लेकर उत्साहजनक समर्थन व्यक्त किया है। आंगनबाड़ी कर्मियों की मांगों की सरकार द्वारा लगातार अनदेखी और आंगनबाड़ी कर्मियों पर ड्यूटी का लगातार बढ़ते बोझ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका परेशान हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है। इसलिए अब यह आंदोलन मांगों के पूरी होने तक अलग-अलग रूपों में लगातार जारी रहेगा। श्रीमती साहू ने बताया कि 19 जुलाई की वर्चुअल मीटिंग में रायपुर की जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष भुनेश्वरी तिवारी, महासमुंद से प्रांतीय उपाध्यक्ष सुधा रात्रे, जांजगीर-चांपा की जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय उपाध्यक्ष ताज बेगम खान, प्रांतीय सचिव बसंती वर्मा, प्रांतीय सह सचिव विभा श्रीवास्तव, प्रांतीय प्रचार-प्रसार सचिव रोशनी शर्मा, बेमेतरा जिला अध्यक्ष विद्या जैन, मुंगेली जिला अध्यक्ष प्रमिला ठाकुर, धमतरी जिला अध्यक्ष रेवती वत्सल, कबीरधाम जिला अध्यक्ष सोनबाई बंजारे, बलरामपुर जिला अध्यक्ष गायत्री बाउल, कोरिया जिला अध्यक्ष मिथिलेश तिवारी, सरगुजा जिला से सचिव सुनीता राजवाड़े, राजनांदगांव की जिलाध्यक्ष लता तिवारी, दुर्ग की जिलाध्यक्ष गीता बाघ एवं अन्य पदाधिकारी विद्या महंत जांजगीर चांपा, शकुंतला ठाकुर कबीरधाम, दुर्गा जायसवाल आदि वर्चुअल मीटिंग में उपस्थित थीं।

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