राहत की कवायद अब बनी आफत, फ्लाईओवर के निर्माण में देरी को लेकर व्यापारियों ने खोला मोर्चा

बिलासपुर। आम लोगों को सुविधा देने के लिए करोड़ो रुपए की लागत से फ्लाईओवर का निर्माण कराया ज रहा है लेकिन इसके उलट अब यह फ्लाईओवर लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन चुका है। इस ब्रिज को बनाने के लिए कई फरमान भी जारी किये जा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी निर्माण कार्य कछुए की चाल से ही हो पा रहा है। वहीं इस कार्य को गति देने के लिए नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, बिलासपुर सांसद अरुण साव, बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय, महापौर रामशरण यादव समेत बिलासपुर कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, निगम कमिश्नर प्रभाकर पाण्डेय जैसे कई जनप्रतिनिधि और अधिकारीयों का निरीक्षण और समय-सीमा का निर्देश अब बेअसर साबित होने लगा है।
तमाम निर्देशों और निरीक्षण के बाद भी ठेकेदार कोई फर्क पड़ता हुआ नज़र नहीं है। इस बीच महाराणा प्रताप चौक से तिफरा को बन रहें फ्लाईओवर से प्रभावित व्यापारी संघ ने कड़ी आपत्तियां और विरोध दर्ज कराई है, जिसे सुनने वाला भी अब कोई नहीं है।
दरअसल बिलासपुर से रायपुर मार्ग को जोड़ने और हाईकोर्ट के रास्ते में ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए करोड़ो रुपए की लागत से फ्लाई ओवर का काम चल रहा है, जिसे समय सीमा में कार्य पूरा करने हाईकोर्ट और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने टिप्पणी की है। इसके बाद भी अब सवाल जन्म लेने लगा है कि आख़िरकार सुविधा के लिए बनाई जा रही है फ्लाईओवर की मुसीबत कब खत्म होगी और आम लोगो को अव्यवस्थित यातायात से राहत मिलेगी।
इस संबंध में नगर निगम कमिशनर प्रभाकर पाण्डेय ने कहा कि तिफरा ओवरब्रिज का कलेक्टर साहब के साथ निरीक्षण किया गया है और मौके पर जो समस्याएं सामने आई तो सम्बंधित विभाग को अलर्ट कर निर्देशित किया गया है। इसके अधिकांश समस्याओं का निवारण किया जा चुका है। वहीं टाइम लाइन को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है, इसमें कई तरह की अड़चने और समस्याएं अभी भी आ रही है, लेकिन कोशिश ये जरुर है कि जल्द से जल्द कार्य को पूरा किया जाएगा। वहीं निगम महापौर रामशरण यादव ने सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि निर्देशों पर केवल कार्यवाही का आश्वासन ही हासिल होता है और काम तो मानो ऊंट के मुंह में जीरा है।
पूर्व महापौर किशोर राय ने भी तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर को पूर्ण करने की अवधि अब समाप्त हो चुकी है, कहीं निगम नगरीय प्रशासन को तो कभी नगरीय प्रशासन निगम और रेलवे पर देरी का खामिजा फोड़ने लगा है। ऐसे में बिलासपुर की जनता को निरासा ही हाथ लग रही है। अगर आने वाले दिनों में भी यही हाल रहा तो स्थानीय प्रशासन को जनता के आक्रोश का सामना करना पडेगा।
इसके अलावा स्थानीय निवासी प्रवीण झा ने कहा कि बिलासपुर का दुर्भाग्य है कि किसी भी निर्माण कार्य में अक्सर ठेकदारों को एक्सटेंशन मिल जाता है, इसमें ठेकेदार और अधिकारीयों की मंशा समझ से परे होती जा रही है, इससे परेशानियों का खामियाजा आम जनता को झेलना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप चौक स्थित व्यापारी संघ ने भी प्रशासन और ठेकेदार के लचर को लेकर मोर्चा खोल दिया है। संघ अध्यक्ष विक्कू भाटिया ने कहा कि इस चौक में पुल और स्मार्ट सिटी सड़क का काम श्लो-मोशन पर चल रहा है, यहाँ के व्यापारियों को फ़ोकट में धूल नसीब हो रहा है और दूकान के आगे नाली के लिए बड़ा सा गड्ढा खोल दिया गया है, जिससे दुकान में आने के लिए रास्ता नहीं है और बड़ी मुश्किल से कोई ग्राहक दुकान पहुंच भी जाते है तो ट्रैफिक जाम में फंस जाते है।
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