अनलॅाक होते ही अम्बेडकर अस्पताल के नॅानकोविड मरीजों को राहत, रोजाना होने लगी सर्जरी

अनलॅाक होते ही अम्बेडकर अस्पताल के नॅानकोविड मरीजों को राहत, रोजाना होने लगी सर्जरी
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कोरोना पीक के दौरान इमरजेंसी के भरोसे रहने वाले नॉनकोविड मरीजों को अब राहत मिलने लगी है। सामान्य ओपीडी में भीड़ बढ़ने के साथ सर्जरी, आर्थोपेडिक, कार्डियोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सामान्य से दोगुने आपरेश होने लगे हैं।

कोरोना पीक के दौरान इमरजेंसी के भरोसे रहने वाले नॉनकोविड मरीजों को अब राहत मिलने लगी है। सामान्य ओपीडी में भीड़ बढ़ने के साथ सर्जरी, आर्थोपेडिक, कार्डियोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सामान्य से दोगुने आपरेश होने लगे हैं। कोरोनाकाल के दो माह तक अस्पताल नहीं पहुंचने वाले मरीजों की वजह से अब दो हजार के करीब मरीज आंबेडकर अस्पताल पहुंच रहे हैं।

अप्रैल और मई के दौरान कोरोना की रोकथाम में फोकस की वजह से सभी अस्पतालों में नाॅनकोविड मरीज इमरजेंसी के भरोसे हो गए थे। प्री-प्लान सर्जरी और सामान्य इलाज यहां टाले जा रहे थे। कोरोना कम होने के बाद एक जून से सभी अस्पतालों में सामान्य तरीके से इलाज शुरू कर दिया गया है। आंबेडकर अस्पताल में इसके बाद ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या 18 सौ से 2 हजार के बीच पहुंच चुकी है और बीमारी के इलाज के लिए सर्जरी की आवश्यकता वाले मरीजों को इसकी सुविधा भी दी जा रही है।

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक सभी विभागों में कोशिश यह की जा रही है कि मरीजों को इंतजार नहीं करना पड़े और उनके मर्ज के आधार पर प्राथमिकता से सर्जरी प्रक्रिया पूरी की जाए। कोरोना काल के दौरान इमरजेंसी में आने वाले कैंसर विभाग में नियमित रूप से सर्जरी की जाती रही है लेकिन लॉकडाउन की वजह से मरीज नहीं होने से अधिकतर विभाग में सर्जरी थम सी गई थी जहां एक बार फिल हलचल बढ़ गई है।

आंबेडकर अस्पताल में जनरल सर्जरी विभाग, अस्थि रोग विभाग, कार्डियोलॉजी विभाग, हार्ट, चेस्ट एवं वैस्कुलर सर्जरी विभाग, कैंसर विभाग, मेडिसिन विभाग, एनेस्थेसिया विभाग, ईएनटी विभाग, नेत्र रोग विभाग, दंत रोग विभाग, मनोरोग विभाग, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, त्वचा एवं रतिज रोग, रेडियोलॉजी विभाग, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एवं पैथोलॉजी विभाग की ओपीडी का संचालन हो रहा है।

रोज दस का आपरेशन

कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. स्मित श्रीवास्तव के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान रोज तीन से चार लोगों की सर्जरी हो रही थी, जिसकी वजह से मरीजों की संख्या बढ़ गई थी। अब रोज दस मरीजों की सर्जरी की जा रही है ताकि लोगों को जल्दी राहत मिल सके। वर्तमान विभाग में तीस से चालीस लोगों की सर्जरी की जानी है।

जनरल सर्जरी, 80 की ओपीडी

जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. मंजू सिंह ने बताया कि कोरोना के दौरान ओपीडी खाली रहती थी मगर अब रोेजाना 80 के लगभग मरीज पहुंच रहे हैं। रोजाना पांच-छह लोगों की सर्जरी की जा रही है और उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है जिनकी समस्या अधिक गंभीर है।

ज्यादा आपरेशन

अस्थि रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एस. फुलझेेले ने मुताबिक एक जून से विभाग में मरीजों की संख्या बढ़ी है। आने वाले मरीजों की समस्या जानकर जरूरत होने पर उन्हें सर्जरी की सलाह दी जा रही है। रोजाना तीन से चार सर्जरी की जा रही है। विभाग में आने वालों को निराश नहीं किया जा रहा है।

सभी तरह की सर्जरी हो रही

इमरजेंसी के साथ अस्पताल में सभी तरह की सर्जरी की जा रही है। ओपीडी में आने वाले किसी भी मरीज को निराश नहीं किया जा रहा है। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें आवश्यकता के अनुसार इलाज की सुविधा दी जा रही है।



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