आयकर में पंजीयन नहीं कराने वाली धार्मिक संस्थाओं की बढ़ेगी परेशानी

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निर्देश पर आयकर विभाग ने धर्मार्थ और धार्मिक संस्थानों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इन संस्थानों का आयकर विभाग ने पंजीयन 1 अप्रैल से शुरू कर दिया है। साथ ही पंजीयन की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित की गई है। निर्धारित तिथि पर पंजीयन नहीं कराने वाले धर्मार्थ और धार्मिक संस्थानों की संपत्ति जब्त करने के साथ कुल संपत्ति के वर्तमान बाजार मूल्य के हिसाब से 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा।
आयकर बार एसोसिएशन एवं सीए इंस्टिट्यूट के पूर्व अध्यक्ष चेतन तरवानी के मुताबिक आईटी एक्ट 115-टीडी के प्रावधान के तहत सभी गैरसरकारी धार्मिक तथा धर्मार्थ संस्थानों, जिनकी वार्षिक आय 50 हजार रुपए या उससे ज्यादा है उन्हें अनिवार्य रूप से 30 जून तक अपना पंजीयन कराना होगा।
पूर्व में पंजीकृत धार्मिक संस्थानों को भी अपना पंजीयन कराना होगा। साथ ही जिनका पंजीयन अभी तक नहीं हुआ है। उन्हें भी अपना पंजीयन कराना होगा। धार्मिक संस्थानों के पंजीयन कराने को लेकर आयकर विभाग ने छह अलग-अलग खंड निर्धारित किए हैं। उक्त मापदंड में आने वाले सभी धार्मिक संस्थानों को पंजीयन कराना होगा।
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