सदन में विधायकों का रिपोर्ट कार्ड, केवल 3 सौ फीसदी रहे मौजूद

जिया कुरैशी. रायपुर. 26 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ होगा। इससे पहले पंचम विधानसभा में अब तक 69 बैठकें आहूत की गई हैं। इन बैठकों में मौजूदगी को लेकर चौंकाने वाला मामला सामने आया। अब तक हुई 69 सभी बैठकों में सौ फीसदी रहने वाले विधायक पहली बार जीतकर आए हैं। तीनों विधायकों की मौजूदगी सौ फीसदी रही है। इनमें श्रीमती अनिता योगेंद्र शर्मा, भुवनेश्वर शोभाराम बघेल और गुरुदयाल सिंह बंजारे शामिल हैं। प्रदेश में सबसे ज्यादा वोट पाने वाले विधायकों में शुमार अमितेश शुक्ल सबसे कम 31 बैठकों में शामिल हुए हैं। वहीं दिग्गजों और वरिष्ठ विधायकों में अजय चंद्राकर और धनेंद्र साहू ने चौंकाया है। वे 68 दिन विधानसभा पहुंचे हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले हरिभूमि ने पंचम विधानसभा की अब तक की कालावधि में विधायकों की उपस्थिति का जायजा लिया। इस दौरान नए सदस्यों में जहां सदन के प्रति गजब का उत्साह देखने मिला, वहीं कई सीनियर सदस्यों के परफॉर्मेंस ने निराश भी किया। प्रदेश के संसदीय लोकतंत्र के लिए यह शुभ संकेत भी है कि कुछ नए विधायकों की उपस्थिति सदन में सौ फीसदी तक रही है। वहीं सत्तापक्ष और विपक्ष के कुछ वरिष्ठ विधायक भी सदन में उपस्थिति के मामले में नए सदस्यों के कम नहीं हैं। इनमें भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर और कांग्रेस सदस्य धनेंद्र साहू के नाम शामिल हैं। दोनों ही 69 दिनों के सदन की कार्रवाई में 68 दिन सदन में मौजूद रहे हैं। वहीं नए सदस्यों में अनिता शर्मा, गुरुदयाल बंजारे और भुवनेश्वर शोभाराम बघेल ऐसे सदस्य रहे, जिनकी उपस्थिति 100 फीसदी रही।
नहीं लगती मंत्रियों की हाजिरी
छत्तीसगढ़ विधानसभा में पहुंचने वाले सभी जनप्रतिनिधि सबसे पहले विधायक हैं। सत्तापक्ष के विधायकों में से ही मंत्री चुने जाते हैं। विधानसभा के नियम व व्यवस्था के मुताबिक मंत्री जब सदन में आते हैं तो उन्हें हाजिरी लगाने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन आमतौर पर ये देखा गया है कि सरकार के अधिकांश मंत्री सदन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। नियमानुसार ऐसी व्यवस्था है कि विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, विधानसभा उपाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष भी उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर नहीं करते।
तीन की 100 फीसदी, आठ आए 68 दिन
छत्तीसगढ़ की पंचम विधानसभा में अब तक कुल 69 बैठकें हुई हैं। इन बैठकों में जिन 3 विधायकों की उपस्थिति सबसे अधिक रही है। उसमें शामिल नामों में विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा, गुरुदयाल बंजारे और भुवनेश्वर शोभाराम बघेल ऐसे विधायक हैं, इनकी हाजिरी पूरे 69 दिन रही यानी इनकी सदन में मौजूदगी 100 प्रतिशत रही है। इनके बाद के क्रम में 68 दिन उपस्थित रहने वाले विधायकों में उत्तरी गनपत जांगड़े, श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, धनेंद्र साहू्, शैलेष पांडेय, रजनीश कुमार सिंह, डमरूधर पुजारी, अजय चंद्राकर व छन्नी साहू शामिल हैं।
पहली बार जीते पर सदन में सक्रिय
कांग्रेस विधायक अनिता योगेंद्र साहू, गुरुदयाल बंजारे, भुवनेश्वर शोभाराम बघेल उन विधायकों में शामिल हैं, जो पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे हैं और सदन की हर बैठक में न केवल हाजिरी लगाई, बल्कि अपने क्षेत्र की समस्याओं, मांगों को प्रमुखता से उठाने में सक्रियता भी दिखाई है। सदन में इनकी उपस्थिति की संख्या से पता लगता है कि संसदीय कार्यवाही में इतनी कितनी रुचि है। पहली बार जीतने वालों में रश्मि आशीष सिंह, उत्तरी गनपत जांगड़े तथा छन्नी साहू भी हैं। इनकी हाजिरी सबसे अधिक रही है।
सबसे कम उपस्थिति वाले माननीय
प्रदेश के 10 ऐसे विधायक भी हैं, जिनकी 69 दिनों की सभा में सबसे कम उपस्थिति रही है। इनमें राजिम सीट से 58 हजार से अधिक मतों से जीतने वाले अमितेश शुक्ल महज 31 दिन ही सदन की कार्रवाई का हिस्सा बने। विद्यारतन भसीन 43, देवेंद्र यादव 41, खेलसाय सिंह 36, अरुण वोरा 47 दिन सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। इसी क्रम में 69 में से 50 दिन तक सदन में आने वाले विधायकों में रामपुकार सिंह 54, विकास उपाध्याय 49, अनूप नाग 54, विनय जायसवाल 58, अंबिका सिंहदेव 58, चिंतामणि महाराज 57, यूडी मिंज 55, ननकीराम कंवर 58, द्वारिकाधीश यादव 55, दलेश्वर साहू 53 दिन सदन में हाजिर रहे।
सबसे कम
अमितेश 31 दिन
खेलसाय 36 दिन
देवेंद्र यादव 41 दिन
भसीन 43 दिन
मंडावी 39 दिन
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