बदनामी से बचाने पर सम्मान : रायपुर पुलिस के काम से खुश हुए मंत्री महोदय, करेंगे सम्मान

रायपुर। यूं तो अक्सर छत्तीसगढ़ में पुलिस की आलोचना ही होती रहती है। विरले ही कभी कोई पुलिस के काम से खुश होता है। लेकिन इन दिनों राज्य के शिक्षामंत्री महोदय प्रेमसाय सिंह टेकाम रायपुर पुलिस के काम से काफी खुश हैं। इतने खुश हैं कि पुलिसवालों का सम्मान करने जा रहे हैं। बस अब से कुछ ही घंटों बाद रायपुर के SSP प्रशांत अग्रवाल और उनकी टीम मंत्री बंगले पहुंचेगी। हाल ही में रायपुर पुलिस की एक कामयाबी से मंत्री महोदय की हो रही किरकिरी से राहत मिली है। दरअसल, एक पूर्व DEO ने शिक्षा मंत्री, उनकी पत्नी और पीए के नाम पर वसूली की अफवाह उड़ाई थी। मामला फूटा तो सुर्खियों में छा गया, विपक्ष ने भी आरोप लगाए, मगर इस साजिश के कर्ताधर्ता पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर और इसके साथियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पूर्व DEO जीआर चंद्राकर कुछ महीने पहले रायपुर में जिला शिक्षा अधिकारी थे। लेकिन अब वसूली की फर्जी और मनगढंत कहानी बनाने के मामले में बंद हैं। पुलिस ने जीआर चंद्राकर को इसके साथी होम्योपैथी कॉलेज के सचिव संजय कुमार ठाकुर और टायपिस्ट कपिल कुमार देवदास को पकड़ा है। रायपुर पुलिस ने इन गिरफ्तारियों के बाद बताया था कि पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी चंद्राकर को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर पोस्टिंग चाहते थे। नहीं मिली तो जिला शिक्षा अधिकारी ए.एन.बंजारा, संयुक्त संचालक के.सी.काबरा, तत्कालीन ओ.एस.डी. आर.एन. सिंह, ए.बी.ई.ओ. प्रदीप शर्मा और मंत्री के निज सचिव अजय सोनी के खिलाफ एक घोटाले की कहानी रच दी, एक डायरी में मंत्री प्रेम साय टेकाम का नाम लिखकर हजारों कर्मचारियों से पोस्टिंग, ट्रांसफर के नाम पर रुपए लेने की बात लिखी। कुल 366 करोड़ के लेन-देन का जिक्र किया। इसे कई अफसरों, मीडिया हाउस और नेताओं को डाक के जरिए भेज दिए।
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