RTI से खुलासा: क्वारेंटाइन सेंटर में लाखों का घोटला, संस्थान अलग लेकिन GST नंबर सेम

RTI से खुलासा: क्वारेंटाइन सेंटर में लाखों का घोटला, संस्थान अलग लेकिन GST नंबर सेम
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तखतपुर ग्राम पंचायत में जहां क्वारेंटाइन सेंटर में ठहरे मजदूरों को भोजन तो दिया गया, लेकिन आया वह सीमेंट-सरिया की दुकान से। हैरान करने वाला खुलासा कांग्रेस नेता की RTI से हुआ है। पढ़िये पूरी खबर-

तखतपुर। कोरोना जैसी महामारी में भी लोग घोटला करने में पीछे नहीं रहे। ऐसा ही एक मामला बिलासपुर जिले के तखतपुर में देखने को मिला है, जहां क्वारैंटाइन सेंटर में ठहरे मजदूरों को भोजन तो दिया गया, लेकिन आया वह सीमेंट-सरिया की दुकान से। हैरान करने वाला खुलासा कांग्रेस नेता की RTI से हुआ है। इसमें पता चला है कि हार्डवेयर की दुकानों से दाल-चावल खरीदी का बिल बनवाया गया। इससे भी खास बात यह है कि संस्थान अलग-अलग हैं, लेकिन GST नंबर एक है।

जानकारी के मुताबिक, मामला तखतपुर जनपद के ग्राम पंचायत जूनापारा का है। कांग्रेस नेता रामेश्वर पुरी गोस्वामी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी। इसमें बिल और कैश बुक की कॉपी मिली। इसमें तमाम बिल ऐसे हैं, जिनमें तारीख तक नहीं पड़ी है। कई बिल ऐसे हैं, जिनमें मोटर पंप और अन्य हार्डवेयर सामान की खरीदी दिखाई गई है। आरोप है कि यह जितने मोटर पंप की खरीदी दिखाई गई है, उतनी पूरी पंचायत में ही नहीं लगे हैं। ज्यादातर बिल उस्लापुर और सकेरी क्षेत्र की दुकानों से बनवाए गए हैं।

RTI से हुआ खुलासा

रामेश्वर पुरी गोस्वामी ने बताया कि पंचायत में भ्रष्टाचार किए जाने की आशंका के चलते उन्होंने ग्राम पंचायत में RTI लगाया था, पर जानकारी उपलब्ध नही कराई गई। इस पर उन्होंने अपील की तो जानकारी सामने आई है। उनके अनुसार, 10 से 12 लाख का भ्रष्टाचार किया गया है। आरोप है कि जूनापारा की सरपंच गीता मोती लाल चतुर्वेदी और सचिव अयोध्या प्रसाद तिवारी ने मिलकर यह भ्रष्टाचार किया है। शासन की ओर से लोगों को मिलने वाली सुविधा की रकम में बंदर बांट कर ली गई।

जारी हुआ रिकवरी नोटिस

जूनापारा में मनरेगा कार्य मे भ्रष्टाचार की जांच के बाद जिला पंचायत CEO की अनुशंसा पर एसडीएम ने सरपंच गीता मोती लाल चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया है। वहीं इसी मामले में सचिव अयोध्या प्रसाद तिवारी को भी निलंबित किए जाने की अनुशंसा की गई थी। अब भ्रष्टाचार का नया मामला सामने आया है। ऐसे में संभावना है कि सचिव अयोध्या प्रसाद तिवारी को निलंबन के साथ रिकवरी नोटिस भी जारी किया जाए। CEO हिमांशु गुप्ता ने बताया कि पंचायत के खाते में सीधे जाने वाली राशि और उससे कराए गए कार्यों पर जनपद का कोई नियंत्रण नहीं होता है। जब लिखित शिकायत मिलती है तो उसकी जांच कराई जाती है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होती है। उन्होंने बताया कि पंचायतों को अधिकार है कि वे ग्राम सभा में कार्यो के लिए राशि आबंटित कर बिल लगाकर आहरण कर सकते हैं। इसमें हमारी दखल केवल उन कार्यों पर है जिनमें टेक्निकल सेक्शन की जरूरत पड़ती है।

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