Rice Millers : असम में हुई मिलर्स की राष्ट्रीय बैठक में उठा मुद्दा, फोर्टिफाइड राइस में फंसे मिलर्स, एफसीआई ने फेल किए कई लॉट

Rice Millers :  असम में हुई मिलर्स की राष्ट्रीय बैठक में उठा मुद्दा, फोर्टिफाइड राइस में फंसे मिलर्स, एफसीआई ने फेल किए कई लॉट
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बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में ही 40 स्टेक चावल के सैंपल फेल किए गए हैं। इस मामले को लेकर मिलर्स (Millers)लगातार परेशानी में हैं। उनका आरोप है कि एफसीआई ऐसा करके मिलरों को प्रताड़ित कर रहा है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलरों (rice millers) द्वारा सेंट्रल पूल (Central Pool) के लिए जमा कराए गए चावल के सैंपल (rice samples)को एफसीआई (FCI)लगातार फेल घोषित कर रहा है। बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में ही 40 स्टेक चावल के सैंपल फेल किए गए हैं। इस मामले को लेकर मिलर्स (Millers)लगातार परेशानी में हैं। उनका आरोप है कि एफसीआई ऐसा करके मिलरों को प्रताड़ित कर रहा है। यह मामला द फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया राइस मिलर्स (The Federation of All India Rice Millers)की गोवाहाटी असम (Guwahati, Assam)की बैठक में प्रमुखता से उठाया गया है।

गलत तरीके से किए जा रहे सैंपल फेल

रायपुर के मिलरों ने गोवाहाटी की इस बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, बैठक में भारत सरकार की कुपोषण मुक्त भारत योजना में मिलर्स के सहयोग उपरांत उनके फोर्टिफाइड चावल स्टेक को गलत तरीके से फेल करने पर सभी राज्यों के प्रतिनिधियों ने विस्तार से प्रकाश डाला। उल्लेखनीय है कि पहले चावल के सैंपल एफसीआई द्वारा निर्धारित मापदंड जांच कर स्वीकार करने उपरांत मिलर्स की बिना जानकारी के चावल का सैंपल लेकर उन्हें एफएफएसएआई द्वारा अधिकृत एनएबीएल लैब में पहले एफसीआईद्वारा जांच रिपोर्ट के आधार पर मानक स्तर का फोर्टिफिकेट न मिलने पर रिजेक्ट किया गया। मिलर्स द्वारा इसके विरुद्ध निर्धारित समयावधि में अपील किए जाने पर सैंपल की जांच सीधे भारत सरकार खाद्य विभाग द्वारा दूसरे एनएबीएल लैब से कराई गई, जिसमें निर्धारित समयावधि तक मिलर्स को रिपोर्ट न देकर बहुत ही विसंगतिपूर्ण, संदेहास्पद रिपोर्ट देकर पुनः चावल स्टेक को अमानक बताकर सभी राज्यों में सैकड़ों स्टेक को फेल किया गया।

पूरे देश में मिलरों पर संकट

छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष योगेश अग्रवाल का कहना है कि फोर्टिफाइड चावल के मामले में केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, पूरे देश के मिलर्स परेशान हैं। सभी के सैंपल बड़े पैमाने पर फेल किए जा रहे हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 20-25 मिलें ही फोर्टिफाइड चावल तैयार करती हैं, हम उनसे वह चावल खरीदकर सामान्य चावल में मिलाते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर असम के गोवाहाटी में हुए सम्मेलन में प्रमुखता से विचार किया गया है। इस बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य से फेडरेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश अग्रवाल, महासचिव विजय तायल और सचिव प्रमोद जैन शामिल हुए ।

क्या है मामला

विशेष प्रकार के उच्च पोषण वाले फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल में प्रति सौ किलो में एक किलो मिलाया जाता है। इसके बाद ये चावल गुणवत्ता के हिसाब से फोर्टिफाइड चावल बन जाता है। इसमें मिलरों का काम केवल इतना है कि वह सामान्य चावल में फोर्टफाइड चावल मिलाते हैं। इसके एवज में मिलर को पांच रुपए प्रति किलो की दर से राशि दी जाती है। छत्तीसगढ़ में मिलर्स दो साल से ऐसा चावल तैयार कर रहे हैं, लेकिन पहली बार उनके सैंपल बड़े पैमाने पर फेल किए गए हैं।

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