Rice millers : मिलरों ने अब तक जमा नहीं किया साढ़े 7 लाख मीट्रिक टन चावल नोटिस जारी, कटेगी प्रोत्साहन राशि

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राईस मिलरों (Rice millers)ने कस्टम मिलिंग (custom milling)के लिए बड़ी मात्रा में धान तो उठा लिया, लेकिन अब तक पूरा चावल जमा नहीं कराया है। प्रदेश में सैकड़ों मिलरों को करीब साढ़े 7 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करना है। चावल जमा करने के लिए 30 सिंतबर छत्तीसगढ़ में राईस मिलरों ने कस्टम मिलिंग के लिए बड़ी मात्रा में धान तो उठा लिया, लेकिन अब तक पूरा चावल जमा नहीं कराया है। प्रदेश में सैकड़ों मिलरों को चावल जमा करने आखिरी तारीख है। चावल देने में देरी करने वाले मिलरों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत करते हुए बड़े पैमाने पर नोटिसें जारी की जा रही हैं। कुछ जिलों में एफआईआर की भी तैयारी है। खास बात ये है कि जो मिलर निर्धारित समय पर चावल जमा नहीं कराएंगे, उन्हें मिलिंग के एवज में दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि से वंचित कर दिया जाएगा।
22280 मिलरों ने किए हैं 4890 अनुबंध
राज्य में वर्ष 2022-23 के धान की कस्टम मिलिंग के लिए प्रदेश के 2 हजार 280 मिलरों ने राज्य सरकार से कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध किया है। मिलरों द्वारा किए गए अनुबंधों की संख्या 4 हजार 890 है। इनमें से बड़ी संख्या में मिलरों ने अब तक कस्टम मिलिंग का पूरा चावल सेंट्रल पूल के लिए एफसीआई और राज्य के लिए नागरिक आपूर्ति निगम में जमा नहीं कराया है। बताया गया है कि कुछ मिलरों ने 10 प्रतिश भी नहीं दिया है। ऐसे मिलर सरकार के निशाने पर हैं। इन्हें संबंधित जिला प्रशासन द्वारा नोट जारी की जा रही हैं। कुछ जिलों में मिलरों के खिलाफ एफआईआर भी करवाई जा रही है।
अरवा और उसना चावल कराना है जमा
मिलरों के कस्टम मिलिंग के लिए अरवा चावल (पतला) और उसना चावल (मोटा) दोनों की मिलिंग करके जमा करवाना है। पिछले सीजन में खरीदे गए धान एक हिस्सा अरवा तथा दूसरा हिस्सा उसना चावल तैयार करने के लिए मिलरों को उनके अनुबंध के अनुसार दिया गया है। मिलर अपने अनुबंध के मुताबिक अरवा उसना चावल जमा करा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी बड़ी मात्रा में यानी लगभग साढ़े सात लाख मीट्रिक टन चावल जमा नहीं हो पाया है। अब तक मिलरों ने 65 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया है।
मिलरों पर कार्रवाई शुरू
धान का उठाव करने के बाद कस्टम मिलिंग का चावल लंबे समय से जमा करने नहीं वाले राइस मिलरों पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। खाद्य विभाग द्वारा ऐसे 10 राइस मिलरों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी किया गया है। हालांकि चावल जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित है। बताया गया है कि कस्टम मिलिंग के लिए जिले के 134 राइस मिलरों ने अनुबंध किया है। जिसमें से 10 राइस मिलर ऐसे हैं, जो लंबे समय से चावल जामा नहीं कर रहे हैं।
नहीं मिलेगी प्रोत्साहन राशि
राज्य सरकार ने प्रदेश के मिलरों को राहत देते हुए पिछले साल कस्टम मिलिंग के लिए प्रतिक्विंटल 120 रुपए के हिसाब से प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया था। अब बताया जा रहा है कि जिन मिलरों ने मिलिंग क्षमता के अनुरूप समय पर चावल के. जमा नहीं किया गया है, उन्हें प्रोत्साहन राशि नहीं दी जाएगी। इस मामले को लेकर भी दुर्ग सहित कुछ अन्य जिलों में मिलरों तो नोटिस दिए गए हैं।
नोटिस जारी किया गया है
खाद्य सचिव के टीपी वर्मा ने बताया कि,जिन मिलरों ने अब तक 10 प्रतिशत चावल भी जमा नहीं किया है, उन्हें संबंधित जिला प्रशासन द्वारा नोटिस जारी किया गया है। कुछ जिलों में संबंधित मिलरों के खिलाफ एफआईआर भी करवाई जा रही है। फिलहाल 1500 से अधिक मिलरों से चावल लिया जाना बाकी है।
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