FIR पर भड़कीं ऋचा : बोलीं- मुख्यमंत्री जोगेरिया से ग्रसित, मैं FIR से नहीं घबराती, मैं रहूं या ना रहूं 'जोगी जन अधिकार पदयात्रा' नहीं रुकेगी

संदीप करिहार/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की पुत्रवधु और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी ने अपने विरुद्ध दर्ज हुए एफआईआर के मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जोगेरिया के लक्ष्ण एक बार फिर दिखने लगे हैं। चुनावी समर आते ही कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस के नेताओं को जोगेरिया हो जाता है। उन्होंने कहा कि, जोगी जन अधिकार पदयात्रा के शुरू होने के बिल्कुल ठीक पहले मेरे विरुद्ध एफआईआर करना ये प्रमाणित करता है कि मुख्यमंत्री फिर एक बार जोगेरिया से ग्रसित हो गए हैं। मेरे विरुद्ध अचानक एफआईआर करना मुझे 'जोगी जन अधिकार पदयात्रा' में भाग लेने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। मैं जोगी जन अधिकार पदयात्रा की अकलतरा विधानसभा की पर्यवेक्षक हूँ। पदयात्रा की तैयारी जोरशोर से हो रही है और मिल रहे जनसमर्थन से घबरा कर मेरे विरुद्ध एफआईआर की गई है। देखिए वीडियो-
जोगी जन अधिकार पदयात्रा आपकी जड़ों को हिला देगी
ऋचा जोगी ने कहा कि मैं इस गैरकानूनी एफआईआर को कोर्ट में चैलेंज करूंगी और दूषित मानसिकता वाले हमारे जोगेरिया ग्रसित विरोधियों को यह चेतावनी देती हूँ कि मैं अजीत जोगी की बहु ऋचा जोगी हूँ। आपकी इन तुच्छ हथकंडों से कतई घबराने वाली नहीं हूँ। माँ हूँ, मेरी हिम्मत का आप मुकाबला नहीं कर सकते। अजित जोगी की बहू होना ही मेरे लिए हिम्मती है। जोगी जन अधिकार पदयात्रा आपकी जड़ों को हिला देगी। मैं रहूं या ना रहूं जोगी जन अधिकार पदयात्रा नहीं रुकेगी। मैं FIR से नहीं घबराती हूँ। देखिए वीडियो-
जांच में पाता चला कि ऋचा जोगी के पिता क्रिश्चियन थे
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा सीट रिक्त हुई थी। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बहू ऋचा जोगी ने चुनाव लड़ने अपना नामांकन दाखिल किया था। जमा किए प्रमाण पत्र में उन्होंने ऋचा रूपाली साधु के नाम से जाति प्रमाण पत्र जमा किया था। वर्ष 2021 में उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने ऋचा जोगी के गोंड अनुसूचित जनजाति के स्थायी प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया था। उस दौरान उच्च स्तरीय छानबीन समिति के अध्यक्ष डीडी सिंह थे। उन्होंने जांच में पाया था कि ऋचा जोगी के पिता क्रिश्चियन थे। समिति ने सभी पक्षों की सुनवाई करने के बाद यह फैसला लिया है।
अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज
इसके बाद ऋचा जोगी के खिलाफ सहायक आयुक्त एलआर कुर्रे ने जांच रिपोर्ट के आधार पर केस दर्ज कराया है। उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा है कि ऋचा रुपाली साधु (शादी से पहले का नाम) ने अवैध रूप से अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र तैयार कर इसे उपयोग किया। ऋचा के खिलाफ सामाजिक प्रस्थिति प्रमाणीकरण अधिनियम 2013 की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
जांच समिति ने प्रमाण पत्र को ठहराया अवैध
विदित हो कि अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी को मुंगेली जिले के जरहागांव तहसील के पेंड्रीडीह गांव से अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र जारी किया गया है। शिकायत मिलने पर राज्य स्तरीय छानबीन समिति ने जांच की। इसमें ऋचा के प्रमाणपत्र को अवैध ठहराते हुए इसे निरस्त करने के लिए आदेशित किया गया था। वहीं मुंगेली के जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए भी निर्देशित किया गया था।
16 पृष्ठों में दिया फैसला
छानबीन समिति ने अपने 16 पृष्ठ के फैसले में ऋचा जोगी का दावा खारिज करने के लिए विजिलेंस सेल की रिपोर्ट, ऋचा जोगी की ओर से दिए गए भूमि और शैक्षणिक दस्तावेज और उनके पुरखों के गांव के लोगों के बयानों को आधार बनाया था। छानबीन समिति का निष्कर्ष था कि ऋचा जोगी अपने पुरखों के गोंड जनजाति का होने का दावा प्रमाणित नहीं कर पाईं। ऐसे में 27 जुलाई 2020 को मुंगेली से जारी उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त किया जाता है।
पूर्वज वर्णवासी साधू थे
उल्लेखनीय है कि उच्च स्तरीय जाति प्रमाणपत्र छानबीन समिति ने इससे पहले भी ऋचा जोगी के ससुर और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का भी प्रमाण पत्र खारिज किया था। छानबीन समिति ने अपने फैसले में जिन तथ्यों का उल्लेख किया, उसमें ऋचा जोगी के पुरखों की जाति की पूरी कहानी धर्मांतरण की परतों में उलझकर रह गई थी। जाति प्रमाण पत्र के समर्थन में ऋचा जोगी ने अपने पुरखों को मुंगेली जिले के पेण्ड्रीडीह गांव का निवासी होना बताया है। समिति ने जांच में पाया कि उनके पूर्वज वर्णवासी साधू थे, जिन्होंने बलौदाबाजार के विश्रामपुर में 1940 में जमीन खरीदे थे।
अंग्रेजी स्कूल में भी क्रिश्चियन दर्ज
समिति ने अपने जांच पृष्ठों में यह भी उल्लेख किया है कि बलौदाबाजार के इंग्लिश मिडिल स्कूल में उनके पूर्वज का नाम दर्ज है, जहां जाति में क्रिश्चियन लिखा है। खुद ऋचा जोगी के स्कूली दस्तावेजों के जाति कॉलम में क्रिश्चियन दर्ज है। जमीन खरीदी-बिक्री के 12 दस्तावेजों में खुद ऋचा जोगी और उनके पूर्वज खुद को ईसाई (जन्म से गैर आदिवासी) बता चुके हैं।
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