दंत चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रवेश में धांधली, ओबीसी केटेगरी में दूसरा रेंक धारी को वंचित कर तीसरे रेंक के अभ्यर्थी को दे दी सीट

दंत चिकित्सा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रवेश में धांधली, ओबीसी केटेगरी में दूसरा रेंक धारी को वंचित कर तीसरे रेंक के अभ्यर्थी को दे दी सीट
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NEET MDS 2023 की प्रावीण्य सूची में ओबीसी केटेगरी में दूसरा रेंक हासिल करने वाली ओवर ऑल स्टेट रैंक 11 और OBC Category में दूसरा स्थान प्राप्त छात्रा को प्रवेश से वंचित कर दिया गया। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ इन दिनो सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार को लेकर देशभर में चर्चा में है। चाहे वह पीएससी (PSC)हो, सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती का मामला हो, शिक्षक भर्ती समेत अनेक भर्तियां विवादों में घिरी हैं। इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है दंत चिकित्सा स्नातकोत्तर (postgraduate dentistry) 2023 पाठ्यक्रम में प्रवेश का। NEET MDS 2023 की प्रावीण्य सूची में ओवर ऑल स्टेट रैंक 11 और OBC Category में दूसरा स्थान प्राप्त डाक्टर को वंचित कर तीसरे रैंक धारी अभ्यर्थी को सीट दी गई। ऐसा काउंसिलिंग के लिए बैठे अफसरों ने नियमों की अनदेखी कर किया है।

इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ की मूल निवासी दिशा देवांगन ने शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर (Government Dental College Raipur) से BDS उत्तीर्ण किया और छत्तीसगढ़ के मेरिट लिस्ट में 11 वीं रेंक हासिल की। इसके बाद दंत चिकित्सा स्नातकोत्तर 2023 पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ओबीसी की दो सीट आरक्षित थी। ओबीसी (OBC) केटेगरी में दिशा का रेंक दूसरा था, लेकिन उसे प्रवेश न देकर तीसरा रैंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी को सीट दे दी गई। काएंसलरों ने इसका कारण ऑनलाईन फार्म (online form) में आप्शन चयन में त्रुटि बताया। दिशा ने आप्शन में छत्तीसगढ़ की मूल निवासी का ऑपशन का चयन किया था। सिर्फ इसलिए उसे प्रवेश से बाहर करते हुए तीसरे रैंक वाले को उसकी सीट दे दी।

ये है पूरा मामला

22 अगस्त 2023 को NEET MDS CG STATE MERIT LIST प्रकाशित हुई। प्रावीण्य सूची में छात्रा ने ओवर ऑल वर्ग में 11 और ओबीसी वर्ग में दूसरा रेंक प्राप्त किया। एक घंटे बाद जारी की गई ALLOTMENT LIST से छात्रा का नाम हटा दिया गया। 22 अगस्त 2023 को ही छात्रा ने काउन्सलिंग कमिटी को ई-मेल से इसकी सूचना दी और कई बार फोन कॉल्स भी किया। 22 अगस्त को कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने 23 अगस्त को काउन्सलिंग कमेटी से मुलाकात की। तब उन्होंने प्रावीण्य सूची से हटने का कारण बताते हुए ऐप्लिकेशन देने को कहा, जिसका जवाब 26/08/2023 को मिला कि छत्तीसगढ़ दंत चिकित्सा स्नातकोत्तर प्रवेश नियम 2017 के नियम 4 के तहत "छत्तीसगढ़ की मूल निवासी हूँ" का ग़लत ऑप्शन चुनने के कारण उसे अपात्र मान लिया गया।

ऑनलाइन फार्म में ही थी गलती

काउन्सलिंग कमेटी का पत्र मिलते ही छात्रा ने फॉर्म भरते समय कठिनाई के कारण उसकी स्क्रीन शॉट ले लियस था। जिसे देखने पर सारी स्थिति स्पष्ट हो गई कि, छात्रा ने ऑनलाइन फॉर्म में ग़लत ऑप्शन का चुनाव नहीं किया था, बल्कि ऑनलाइन फ़ॉर्म में ही ग़लती थी।

NEET MDS में प्रवेश के लिए ये हैं नियम

NEET MDS 2023 में प्रवेश के लिए online form भरते समय Rule 11 of PG Rules 2021 के आधार पर सिर्फ एक ऑप्शन चुनना था। जबकि सच्चाई यह है कि Rule 11 of PG Rules 2021, MDS में प्रवेश के लिए है ही नहीं, बल्कि यह नियम MD/MS में प्रवेश के लिए है। यही काउन्सलिंग कमेटी की ग़लती का मूल स्रोत है कि, Rule 11 of PG Rules 2021 के आधार पर एक सही ऑप्शन चुनना है, वह नियम MDS में प्रवेश के लिए है ही नहीं, तो इसके डाउन द लाइन जो भी ऑप्शन चुना जाएगा उसमें सही-गलत का प्रश्न ही नहीं उठता। क्योंकि फ़ॉर्म भरने का मूल स्रोत ही दोषपूर्ण है। अत: छात्रा ने ग़लत ऑप्शन चुना है मान कर उसे अपात्र घोषित करना पूर्णतया ग़लत है।

ऑनलाइन फार्म में ये दिए गए थे विकल्प

Online form में Candidature Type के लिए चार options दिए गए थे जिनमें से केवल एक चुनना था, वे इस प्रकार हैं-

1) BDS passout candidate from Chhattisgarh

2) In-service candidate from Chhattisgarh

3) Domicile holder of Chhattisgarh

4) Others

जिसके अंतर्गत छात्रा ने Domicile holder of Chhattisgarh का ऑप्शन चुना। दो या दो से अधिक option सही होने की स्थिति में किस option का चयन करना है इसका उल्लेख MDS के प्रवेश नियम 2017 में कहीं भी नहीं हैं। तो ऐसे में सारा दोष छात्रा पर डालकर उसे प्रवेश से बाहर करना उसके साथ अन्याय है।

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