'रीपा योजना' बना जीवन का आधार : ग्रामीणों के सफल उद्यमी बनने का सपना साकार कर रही है छत्तीसगढ़ सरकार

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर प्रदेश के ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए, गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन पार्कों में विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। योजना के तहत प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में दो गौठानों का चयन किया गया है।
ग्रामीण आजीविका पार्क में ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए शासन की ओर से मूलभूत सुविधाएं, आधारभूत संचरना जैसे आंतरिक सड़क, बिजली, पानी, नाली व्यवस्था, वर्कशेड, भण्डारण, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सपोर्ट, तकनीकी मार्गदर्शन आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। योजना में इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व-सहायता समूहों का चिन्हांकन कर उद्यमियों को बिजनेस प्लान के आधार पर मशीनरी और बैंक से ऋण, विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रतानुसार अनुदान, सब्सिडी अथवा शून्य ब्याज दर पर ऋण लेने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। इन उपायों से गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को एक नया आयाम मिल रहा है।

खेती के साथ उद्यमी बन रहे ग्रामीण
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना ‘‘रीपा’’ से न केवल ग्रामीणों के जीवन में परिवर्तन आया है, बल्कि उनके सफल उद्यमी बनने के सपनों भी साकार हो रहे हैं। केवल खेती-किसानी और मजदूरी तक सीमित रहने वाले किसानों को रीपा योजना से जोड़कर उद्यमियता को बढ़ावा दिया जा रहा है। रीपा योजना के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नये-नये व्यवसाय की जानकारियां लेकर इनकी बारीकियां सीख रहे है।

फेब्रिकेशन वेल्डिंग इकाई का सफल संचालन
इसी क्रम में बिलासपुर जिले के मस्तूरी ब्लॉक के बेलटुकरी रीपा केंद्र में श्री बिहारी लाल और श्री राजू सिदार के द्वारा फेब्रिकेशन वेल्डिंग इकाई का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। जिससे जुड़कर ग्रामीण युवा आमदनी का एक अच्छा हिस्सा प्राप्त कर रहे है। रीपा योजना के तहत उद्यमियता को बढ़ावा मिलने के साथ ही युवाओं को रोजगार का एक जरिया मिल गया है।
7 महीने में कमाए 12 लाख 44 हजार रुपये
फेब्रिकेशन वेल्डिंग इकाई से इन उद्यमियों के द्वारा सात महीने में 12 लाख 44 हजार रुपये का आय अर्जित किया गया, जिससे उन्हें 2 लाख 60 हजार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हुआ। वर्तमान में इन्हें खिड़की, दरवाजा, ट्रैश, जाली, शटर एवं पंचायत इत्यादि कार्य के आर्डर भी प्राप्त हुए है। जिससे इनके आय में 3 लाख रुपये की और बढ़ोतरी होगी। इस प्रकार रीपा योजना से जुड़कर ये उद्यमी सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं एवं आर्थिक रूप से सशक्त होकर आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहे है। शासन की इस कल्याणकारी योजना से जुड़कर एक सफल उद्यमी बनने का इनका सपना साकार हुआ है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS