इस गांव के लिए सपना है सड़क : पगडंडी पर चलना ग्रामीणों की मजबूरी, PMGSY भी नहीं दिला पाया पहुंच मार्ग... नेताओं की वादाखिलाफी से खासे नाराज हैं ग्रामीण

देवराज दीपक-बरमकेल-सरिया। नवीन सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिले का एक ऐसा गांव, जहां विकास की किरण अभी तक नहीं पहुंच पाई है। राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भले ही बरमकेला तहसील का प्रदेश में नाम हो, लेकिन मूलभूत सुविधाओं के नाम पर आज भी यहां के लोग कई मुश्किलों से जूझ रहे हैं। इस मामले में आज भी क्षेत्र के कई गांव विकास कि मूलधारा से नहीं जुड़ सके हैं। ग्राम पंचायत खम्हरिया का आश्रित ग्राम बोइरडीहा पारा, जहां पर तक़रीबन 60 परिवार निवासरत हैं। यहां आजादी के 75 साल बाद भी 2 किमी की सड़क सपना बनकर रह गया है।
खेत की मेड़ से होकर पड़ता है गुजरना
देश में जहां हर जगह पक्की सड़कों का निर्माण हो रहा है। सरकार जहां जनसुविधाओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं ला रही है। ऐसे में बोइरडीह पारा और इसके आस-पास क्षेत्रों में एक भी सड़क नहीं है। बोइरडीह पारा जाने के लिए कमलापानी से खेत की पतली मेड से होकर गुजरना पड़ता है। वहीं, दूसरी ओर केरमेली गाँव से भी पठार के पतले रास्ते से होकर जाना पड़ेगा। इसे पार करने के लिए एक खाई नुमा नाला पार करना पड़ता है। ग्रामीणों ने यहां खुद से नाले के ऊपर लकड़ी की पुल बनाई है। इस गाँव मे नहाने के लिए तालाब तक नहीं है।
बरसात में ग्रामीण होते हैं घरों में कैद
मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने सैकड़ों बार पक्की सड़क बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक के हाथ-पैर जोड़े हैं, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। सभी दिलासा देकर मामले से अपना पल्ला झाड़ते रहे। वहीं, शासन-प्रशासन की उपेक्षा के कारण बोइरडीह पारा के निवासी हर मौसम में कच्चे मार्ग से होने वाली समस्या से जूझने के लिए मजबूर हैं। ग्रामीणों के अनुसार केरमेली गांव की प्रधानमंत्री सड़क से उनका गांव महज दो किमी दूर है। इस मार्ग पर पक्की सड़क नहीं बनने के कारण बरसात में सभी ग्रामीण घरों में कैद हो जाते हैं। कच्चे मार्ग पर कीचड़, बरसाती पानी के भराव के कारण आवागमन जोखिम भरा हो जाता है। ऐसे में यदि घर में कोई बीमार पड़ जाए या फिर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने की जरूरत हो, तो यहां एंबुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहन तक नहीं पहुंच पाते हैं। खटिया चारपाई में जोखिम उठाकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जाना पड़ता है। इससे जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरा बना रहता है।
नेताओं की वादाखिलाफी से आक्रोशित हैं ग्रामीण
बोइरडीह पारा ग्राम पंचायत खम्हरिया के अंतर्गत आता है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत, जनपद हो या फिर विधानसभा या लोकसभा चुनाव हो, हर बार वोट मांगने के लिए आने वाले नेता सड़क बनाने का आश्वासन देकर जाते हैं। पिछले चुनावों में भी ग्रामीणों को इसी तरह का दिलासा दिया गया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद नेता सब कुछ भूल जाते हैं। उन्हें ये तक याद नहीं रहता कि वे बोइरडीह पारा गांव में वोट मांगने भी गए थे। नेताओं की वादाखिलाफी से यहां के लोग आक्रोशित हैं। देखें वीडियो...
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS