रायपुर समेत देशभर में लूट-खसोट, 55 करोड़ बटोर कर अफ्रीका के बैंक में डाला

रायपुर. सोशल प्लेटफार्म पर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने वाले शातिर आखिर रुपयों का ट्रांजेक्शन होने के बाद अपनी कमाई कहां जमा कर रहे हैं, इसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत में ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले नाइजीरियन गैंग ने खातों से उड़ाई राशि अफ्रीका के एक बैंक में जमा कराया है। रायपुर पुलिस अब इसकी छानबीन में जुटी है। सेंट्रल साइबर सेल की टीम ने दो नाइजीरियन को पकड़ा है। अकेले रायपुर शहर से इन्होंने 17 लाख रुपए ठगने का खुलासा किया है।
करीबी सूत्र के मुताबिक पकड़े गए नाइजीरियन गैंग ने बड़ा खुलासा किया है कि वे लोगों के ई-वॉलेट से रकम निकालने के बाद उसे सीधे अफ्रीकी देश के बैंक में जमा कर देते थे। विदेशी बैंक में रकम पहुंचने के बाद वहां पूंजी सिक्योर हो जाती है। रायपुर समेत छत्तीसढ़ में ऑनलाइन ठगी केस में किए गए बैंक ट्रांजेक्शन के संबंध में जानकारी पहले बार सामने आई है। छत्तीसगढ़ पुलिस का अनुमान है, इंटरनेशनल गैंग ने पूरे देशभर में 55 करोड़ रुपए से भी ज्यादा ठगे हैं। वक्त बदलने के साथ नाइजीरियन गैंग ने ठगी का पैटर्न बदल-बदलकर पीड़ितों को फोन पर झांसे में लिया है। पहले तक खुद को लॉटरी किंग या फिर बैंक अफसर बताते थे, लेकिन वक्त गुजरने के साथ इन्होंने खुद को प्राइवेट कंपनी का ऑनर बनाकर लोगों को ठगने का काम किया।
ऐसे बदला ठगी का पैटर्न
साइबर इंस्पेक्टर निशित अग्रवाल के अनुसार आजकल नाइजीरियन गैंग ने ठगी का पैटर्न बदल दिया है। पहले खुद को बैंक अफसर या फिर लाटरी वाला बताकर झांसे में लेते थे। नए पैटर्न में खुद को एक बड़ी कंपनी का ऑनर बताकर ठग रहे हैं। नाइजीरियन गैंग की पड़ताल में सोशल मीडिया में नई-नई कंपनियाें के बारे में पता चला है। असल में यह कंपनियां कहीं भी अस्तित्व में ही नहीं है।
वीजा तक फेक, दूतावास को खबर
नाइजीरियन गैंग के पास से छत्तीसगढ़ पुलिस को जो वीजा मिला है वह भी फर्जी साबित हुआ है। एक अधिकारी के मुताबिक एक हफ्ते पहले मुंबई में जांच के दौरान इस गैंग ने अपना पासपोर्ट और वीजा दिखाया था। जांच करने के बाद वीजा में लगाए गए सील तक फेक साबित हुए। अब इसके बारे में जानकारी अफ्रीकी दूतावास को देने तैयारी है।
पहले बने व्यापारी फिर जासूस भी
छत्तीसगढ़ में ऑन लाइन ठगी के केस सुलझाने के लिए सेंट्रल साइबर टीम को नाइजीरियन गैंग को दबोचने कारोबारी और फिर जासूस भी बनना पड़ा। कारोबारी बनकर पुलिस ने फोन नंबर में संपर्क किया। फोन लोकेशन ट्रेस करते हुए दूसरी टीम जासूसी में लगी रही। विदेशी मूल के आरोपी गिरफ्त से ना भाग सके इसके लिए मुंबई में लोकल पुलिस की भी मदद ली। पुलिस ने बताया, आरोपियों को जब संपर्क करने वाले पुलिस होने का पता चला आरोपी दूतावास का हवाला देकर भी गुमराह करने में लगे रहे।
भागते मास्टर माइंड की हादसे में मौत
नाइजीरियन गैंग के मास्टर माइंड बताए जाने वाले एक आरोपी की रायपुर पुलिस के हाथ लगने के पहले मौत हो गई है। बताया गया है, मुंबई में आरोपी को छत्तीसगढ़ पुलिस की भनक लगी थी। वह चारपहिया वाहन लेकर भाग निकला, लेकिन रास्ते में एक जगह दुर्घटना की वजह से उसकी मौत हो गई। कार एक्सीडेंट में उसे गंभीर चोंटे आई जिसके बाद सांसे थम गई। मृत नाइजीरियन के बैंक खातों का डिटेल वेस्ट अफ्रीका से लेने की कोशिश है।
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