RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- 'घट-घट में बसते हैं राम, कोई सुर खराब करे तो कानून से ठीक कर सकते हैं..'

RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- घट-घट में बसते हैं राम, कोई सुर खराब करे तो कानून से ठीक कर सकते हैं..
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धर्म-परिवर्तन कराने वालों को मदकूद्वीप से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कड़ा संदेश दिया है। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कोई सुर खराब करे तो संविधान में उसे ठीक करने का भी बंदोबस्त है। पढ़िए पूरी खबर-

रायपुर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जैसे बाजा एक सुर में बजता है, ताल से ताल मिलता है, वैसे ही हमें रहना है। कोई सुर को खराब करे, तो संविधान में उसके लिए भी कानून है। कानून के दायरे हम उसे भी ठीक कर सकते हैं।

धर्म-परिवर्तन की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि किसी को बदलने की चेष्टा न करो, अपने रास्ते चलो। मोहन भागवत ने कहा कि हमारे देश में हर घट में राम बसते हैं। गौरतलब है कि भागवत यहां मदकूद्वीप में तीन दिवसीय घोष प्रशिक्षण वर्ग के समापन के मौके पर पहुंचे हैं, जहां वे संबोधित कर रहे हैं। मुंगेली जिले में स्थित मदकूद्वीप में शुक्रवार को संघ के तीन दिवसीय घोष वर्ग प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने के लिए RSS प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे। यहां उन्होंने हरिहर आश्रम पहुंचकर भगवान गणेश की पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने पौराणिक भूमि में शमी के पौधे भी लगाए। दोपहर भोजन के बाद मोहन भागवत संघ पदाधिकारियों की बैठक ली, जिसके बाद घोष वर्ग के आयोजन में शामिल हुए। इस दौरान आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वज दुनिया भर में गए, अनेक देशों को हमारे पूर्वजों ने सत्य दिया। हमारे सत्य में भगवान राम विराजते हैं। सत्य में राम हैं, राम ही सत्य है। हम सत्य को जानने वाले लोग है। हमें अपने आपको पहचाना होगा। भारत अनेकता में एकता सिखाता है। भारत हर किसी को अपनाता है। मंच से धर्मांतरण और पर्यावरण की बात कहते हुए हुए डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम किसी का मतांतरण नहीं कराते है। धर्मान्तरण नहीं कराते है, हम उस सनातन परंपरा से हैं जिसे अब हिंदू धर्म माना जाता है। दुनिया उसी को पिटती है, जो दुर्बल है। आपको सबल बनना पड़ेगा। अपने आपको बचाकर रखना होगा, शक्ति सम्पन्न होना होगा। यह इलाका हरियर क्षेत्र है, आपको हरियर क्षेत्र को बचाकर रखना होगा। उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि जैसे वाद्य यंत्र एक सुर में बजता, ताल से ताल मिलता है, वैसे ही हमें रहना है। कोई सुर को खराब करे तो संविधान में उसके लिए भी कानून है। कानून के दायरे हम उसे भी ठीक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मदकुद्वीप का यही संदेश है, गुरुनानक का यही संदेश और पूर्णिमा का भी यही संदेश है।

ज्ञातव्य है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सुबह रायपुर से रवाना होने के बाद 11. 45 बजे मदकू द्वीप पहुंचे। उन्होंने मांडुक्य ऋषि की भव्य प्रतिमा के दर्शन एवं उनकी प्राचीन कथाओं को हरिहर आश्रम के संत रामस्वरूप से सुना। हरिहर आश्रम कुदिया में अखंड रामायण के दर्शन भी किए। इससे पहले भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ ही संघ पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उनके साथ विशेष रूप से शांता राम जी, दीपक विष्पूते, प्रेम सुथार, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, विधानसभा नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद अरुण साव, विधायक शिवरतन शर्मा, दयालदास बघेल, रजनीश सिंह, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी सहित रायपुर मुंगेली बिलासपुर जिले के भाजपा पदाधिकारी संघ परिवार के पदाधिकारी व स्वयंसेवक मौजूद हैं। गौरतलब है कि शिवनाथ तट पर स्थित पौराणिक महत्व वाला यह द्वीप मांडुक्य ऋषि की तपोस्थली है, यहां के तटवर्ती क्षेत्रों में आदि मानवों के रहने के प्रमाण भी मिले है। पुरातत्व विभाग को ईसवी सन के शुरुआती दौर के गुप्तकाल और 11वीं सदी के कल्चूरी काल की मूर्तियां भी मिली है।

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