Conversion: धर्मांतरण पर फिर बवाल, कन्वर्टेड लोगों के शव दफनाए जाने के मामले ने पकड़ा तूल

Conversion: धर्मांतरण पर फिर बवाल, कन्वर्टेड लोगों के शव दफनाए जाने के मामले ने पकड़ा तूल
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धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीण की मौत के बाद शव को दफनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पखांजूरवासियों ने शव को बाहर निकालने और कब्रिस्तान के लिए अवैध तरीके से आवंटित की गई भूमि को निरस्त करने की मांग को लेकर रविवार को बंद का आह्वान किया है। पढ़िए पूरी खबर...

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजूर में धर्म परिवर्तन (conversion) करने वाले ग्रामीण की मौत के बाद शव को दफनाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पखांजूरवासियों ने शव को बाहर निकालने और कब्रिस्तान के लिए अवैध तरीके से आवंटित की गई भूमि को निरस्त करने की मांग को लेकर रविवार को बंद का आह्वान किया है। रविवार को पखांजूर (pakhanjur) में सभी दुकानें बंद हैं। सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह पुलिस बल (force) तैनात किया गया है और दूसरे दिन भी थाने के सामने ग्रामीणों का प्रदर्शन लगातार जारी है।

दरअसल, शुक्रवार को पखांजूर से 12 किलोमीटर दूर माचपल्ली गांव में दिलीप पिस्दा (50 वर्ष) की मौत हो गई। जब परिजनों ने मृतक का अंतिम संस्कार करना चाहा, तो ग्रामीणों ने धर्म परिवर्तन करने के कारण गांव में शव नहीं दफनाने दिया। परिजनों की विनती के बाद भी वे नहीं माने। तब परिजन शव लेकर पखांजूर पहुंचे और प्रशासन (administration) से शव दफनाने के लिए जगह की मांग की। प्रशासन से शव दफनाने के लिए जगह की मांग की। जहां उन्होंने शव दफना दिया। जब ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली तो वे नाराज हो गए और थाने का घेराव कर दिया।

ग्रामीणों ने किया बंद का आह्वान

उनका कहना है कि, यहां कोई कब्रिस्तान (Graveyard) नहीं है। एसडीएम (SDM) ने बिना नगर पंचायत की अनुमति के यहां ईसाई धर्म के लिए कब्रिस्तान अलॉट किया है, जो अवैध है। इसके बाद वे शनिवार को देर तक थाने के सामने प्रदर्शन करते रहे। रविवार को बंद का आह्वान किया गया, इस वजह से सारी दुकानें बंद हैं। वहीं सुबह से ही स्थानीय लोग थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती भी की गई है।

शव को बाहर निकालने की मांग पर अड़े ग्रामीण

वहीं पुलिस-प्रशासन (police-administration) के समझाने के बाद भी लगातार प्रदर्शन जारी है। लोग शव को बाहर निकालने और कब्रिस्तान के लिए अवैध तरीके से आरक्षित की गई जमीन को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि, जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी आंदोलन जारी रहेगा।

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